बिहार में कोरोना से हाहाकार : पटना एम्स में 384 डॉक्टर पॉजिटिव, आज एक दिन में 12 हजार से ज्यादा संक्रमित

बिहार में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। राज्य में कोरोना के मामले रिकॉर्ड बना रहे हैं। बुधवार को राज्य में 12,222 नए कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई है। इससे पहले मंगलवार को 10,455 मरीज मिले थे। राज्य में जहां नए मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है वहीं रिकवरी रेट कम होता जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, सूबे में पिछले 24 घंटे में 12,222 नए कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई है। पटना सहित सात जिलों में 500 से अधिक नए संक्रमित मिले हैं। पटना में सर्वाधिक 2919 नए कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई। जबकि औरंगाबाद में 500, बेगूसराय में 587, भागलपुर में 526, गया में 861, सारण में 636 और पश्चिमी चंपारण में 516 नए कोरोना संक्रमितों की पहचान की गई। राज्य में एक दिन में 1 लाख 5 हजार 380 सैंपल की जांच की गई।

कंकड़बाग स्थित एक प्राइवेट नर्सिंग होम के तीन डॉक्टर संक्रमित होने के बाद अब केवल इमरजेंसी सेवा ही शुरू की गई है। सरकारी अस्पतालों के संचालन में भी मुश्किलें आ रही हैं। कोरोना की दूसरी लहर में पटना एम्स में कुल 384 डॉक्टर और स्टाफ संक्रमित हुए हैं। इसमें से कुछ लोग ठीक हो चुके हैं। वर्तमान में 134 स्टाफ और डॉक्टर संक्रमण की जद में हैं। इसमें 14 फैकल्टी, 30 रेजीडेंट और 90 स्टाफ शामिल हैं। इससे एम्स में ओपीडी और कोविड उपचार प्रभावित हो रहा है।

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इसी तरह एनएमसीएच में डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मी मिलाकर चालीस से अधिक लोग संक्रमित हैं। ज्यादातर होम आइसोलेशन में हैं। अस्पताल के माइक्रोबायोलॉजी लैब में काम करनेवाले एक डॉक्टर समेत आधा दर्जन टेक्नीशियन व डाटा ऑपरेटर के संक्रमित होने से जांच प्रभावित हो रही है। ऐसी स्थिति में दिन की पाली में जांच बंद कर दी गयी है। बचे कर्मियों को रात्रि पाली में जांच के लिए लगाया गया है। आईजीआईएमएस में 22 डॉक्टर और 50 नर्सिंग स्टाफ सहित कुल संक्रमित है।

पीएमसीएच में प्राचार्य सहित 30 डॉक्टर और 49 स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित होने से जांच और इलाज प्रभावित हो गया है। इसी तरह पीएमसीएच परिसर स्थित आईजीआईसी में सोमवार को संस्थान में तैनात 8 डॉक्टर कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं। सभी होम क्वारंटाइन हो गए हैं। ऐसी स्थिति में इस अस्पताल की ओपीडी को भी संचालित करना मुश्किल हो गया है। यहां तैनात डॉक्टरों का कहना है कि धीरे-धीरे ज्यादातर लोग बीमारी की चपेट में आते जा रहे हैं ऐसी स्थिति में यहां काम करना मुश्किल हो गया है।

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