शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि राज्य में बीएड की पढ़ाई करने वाले छात्रों को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत लोन देने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (student credit card)
उन्होंने यह बात शुक्रवार को विधान परिषद में संजीव श्याम सिंह के तारांकित प्रश्न के जवाब में कही ।
पूरक प्रश्न पर कहा कि राज्य सरकार ने यह योजना आगे की पढ़ाई के लिए शुरू की है, जबकि बीएड एक प्रशिक्षण कोर्स है। हालांकि यह भी कि सदस्यों की मांग पर इस मामले में फिर से समीक्षा कराई जाएगी।
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श्री चौधरी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019 20 में कुल 53 हजार 327 आवेदकों के लिए 1292.15 करोड़ के शिक्षा ऋण की स्वीकृति बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत दी गई। यह राशि आवेदकों के पूरे पाठ्यक्रम की अवधि के लिए था, न कि संबंधित वित्तीय वर्ष के लिए ।
इसमें वित्तीय वर्ष 2019-20 में 630.22 करोड़ की राशि वितरित की गई, जो इस वर्ष या सेमेस्टर के लिए संस्थान को देय ट्यूशन फीस आदि की राशि थी।
उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में 75 हजार छात्रों को इस योजना से लाभांवित करने का लक्ष्य
निर्धारित किया गया था। 80 हजार 401 आवेदन प्राप्त हुए थे, लेकिन जिनके संस्थान वांछित अर्हता नहीं
रखते थे, उनआवेदनों को अस्वीकृत कर दिया गया।
लक्ष्य के सापेक्ष करीब 71 प्रतिशत उपलब्धि रही। केदारनाथ पांडेय के प्रश्न पर श्री चौधरी ने कहा कि राज्य
के राजकीय, राजकीयकृत और प्रोजेक्ट विद्यालयों में लिपिक के 3249 में से 1379 और आदेशपाल के
6484 में से 1129 पद रिक्त हैं।

कांग्रेस के प्रेमचंद्र मिश्रा के प्रश्न पर शिक्षामंत्री ने माना कि राज्य के 88 हजार 172 से अधिक सरकारी तथा
अनुदानित स्कूलों में से 31 हजार 670 स्कूलों में अग्निशमन यंत्र अभी नहीं लगे हैं .
मिश्रा ने पूछा कि 18 हजार 472 स्कूलों में विद्यालय आपदा प्रबंध समिति तथा 16 हजार 472 स्कूलों में
बाल प्रेरकों का चयन तथा प्रशिक्षण नहीं हुआ है।
जवाब में मंत्री ने इससे इनकार करते हुए कहा कि 69 हजार 700 विद्यालयों में मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा
कार्यक्रम के तहत सुरक्षित शनिवार का संचालन किया जा रहा है।