कोरोना संकट से उबरते बिहार के लिए आज शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने एक राहत भरी जानकारी दी है। शिक्षा मंत्री ने संभावना जताई है कि अगर बिहार में कोरोना संक्रमण की रफ्तार में ऐसी ही कमी दिखती रहेगी, तो जुलाई से शैक्षणिक संस्थान खोले जा सकेंगे। शिक्षा मंत्री का यह बयान तब सामने आया है जब बिहार में कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमती दिख रही है। इसका मतलब साफ है कि शैक्षणिक संस्थानों के खुलने की प्रक्रिया तभी शुरू होगी जब कोरोना के मामलों में ऐसी ही गिरावट जारी रहेगी।
शिक्षा मंत्री ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी
शिक्षा मंत्री ने यह जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की है। उन्होंने कहा है कि, “मौजूदा समय की तरह ही अगर कोरोना से हालात ऐसे ही सुधरते रहे तो जुलाई से शैक्षणिक संस्थान अपनी सामान्य क्लास फिर से शुरू कर सकते हैं। हालांकि उन्हें कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करना होगा।”
कोरोना संक्रमण की धीमी हुई है रफ्तार
बिहार में कोरोना संक्रमण का ग्राफ तेजी से नीचे गिर रहा है। 12 जून को बिहार में 432 नए मामले सामने आए हैं। 309 लोग कोरोना से रिकवर हुए, वहीं 18 लोगों की कोरोना ने जान ले ली। 11 जून को यहां 566 नए मामले सामने आए थे। वहीं 10 जून को 551 नए मामले सामने आए थे। संक्रमण का यह ग्राफ बताता है कि बिहार ने कोरोना फैलाव पर काबू पा लिया है। यही वजह है कि शिक्षा विभाग शैक्षणिक संस्थानों के खोलने पर विचार कर रही है। हालांकि इसपर अंतिम फैसला आनेवाले दिनों में कोरोना के मामलों को देखते हुए लिया जाएगा।
क्राईसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में होगा फैसला
शैक्षणिक संस्थानों को खोलने पर अंतिम फैसला क्राईसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में लिया जाएगा। यह चरणबद्ध होगा और सबसे पहले उच्च शिक्षा से जुड़े शैक्षणिक संस्थान खुलेंगे। इसके बाद माध्यमिक और सबसे अंतिम में छोटे बच्चों के स्कूल खोले जाएंगे।
445 दिन से बंद हैं बिहार में स्कूल
बिहार में स्कूलों को बंद हुए 445 दिन हो गए हैं। बच्चों के स्वास्थ्य के साथ ही अब पैरेंट्स उनकी पढ़ाई की चिंता भी कर रहे हैं। कोरोना की थर्ड वेव की आशंका है। माना जा रहा है कि अब सबसे ज्यादा खतरा बच्चों पर है। बच्चों के लिए वैक्सीन भी अभी दूर ही नजर आ रही है। ट्रायल अभी शुरूआती फेज में है। इधर, साल भर से ज्यादा समय बीत गया और पढ़ाई ठप है।
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