बीआरए बिहार विवि में इसबार से छात्रों को दूसरे संकाय और विषयों में भी नामांकन लेने की छूट दी गई है। दूसरे संकाय से स्नातक करने वाले छात्र अपना संकाय बदलकर अन्य विषयों में भी नामांकन करा सकते हैं। लेकिन, जिन विषयों में प्रायोगिक परीक्षा होगी उनका विकल्प नहीं ले सकने की शर्त भी छात्रों के सामने रहेगी।
पीजी नामांकन
• एक संकाय के छात्र दूसरे संकाय में भी ले सकते हैं नामांकन • साइकोलॉजी मैथ जूलॉजी जैसे विषय में कटऑफ रहेगा अधिक
यही नहीं, छात्रों को मेधा सूची में आवंटित कॉलेज में ही नामांकन लेना होगा। वहीं, पहली सूची में आने वाले छात्र अगर नामांकन नहीं लेते हैं तो उनका दावा खत्म हो जाएगा।
आर्ट्स के छात्र को अपने ही संकाय के दूसरे विषय को चुनने की छूट होगी
वहीं, साइंस और कॉमर्स के छात्र संकाय भी बदल सकेंगे। दूसरे विश्वविद्यालयों में यह प्रणाली पूर्व से ही लागू है। इसी के तर्ज पर विवि ने इसे शुरू किया है। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में सत्र 2020-22 में पीजी में दाखिले के लिए मेधा सूची 20 जून को जारी की जाएगी। छात्र-छात्राएं 21 जून से सभी पीजी विभागों और कॉलेजों में नामांकन ले सकेंगे। 15 जून तक छात्र-छात्राओं को आवेदन करने का मौका है। इसके बाद विभाग केंद्रीकृत मेघा सूची तैयार करने में जुटेगा।
5350 सीटों के लिए आए है अब तक 16 हजार से अधिक आवेदन
यूएमआईएस कोऑर्डिनेटर प्रो. ललन झा ने बताया कि जिन छात्रों ने अब आवेदन नहीं किया है उनके पास अंतिम मौका है। इसके बाद आवेदन की तिथि नहीं बढ़ाई जाएगी। छात्रों को मेधा सूची में आवंटित कॉलेजों में ही नामांकन लेना होगा। यदि वे पहली सूची के आधार पर नामांकन नहीं ले पाते हैं तो उनका दावा समाप्त कर दिया जाएगा।
इस बार भी इतिहास और वाणिज्य में आवेदकों की संख्या सबसे अधिक है। मनोविज्ञान, जूलॉजी, भूगोल, राजनीतिविज्ञान और भौतिकी में भी काफी आवेदन प्राप्त हुए हैं। वहीं, भाषा के विषयों में छात्रों की रुचि कम है। पर्सिदन, मैथिली, बांग्ला, दर्शनशास्त्र, संस्कृत, संगीत में आवेदकों की संख्या 100 से भी कम है। विवि में पीजी के लिए 5350 सीटें निर्धारित हैं। वहीं, अब तक नामांकन के लिए 16 हजार से अधिक आवेदन आए हैं। ऐसे में अधिक आवेदन वाले विषयों का कटऑफ काफी अधिक होने की संभावना है।
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