बिहार यूनिवर्सिटी मे पैट 2021 से नये शिक्षकों को भी मिलेगी शोध कराने की जिम्मेदारी, सभी विभागों में शुरू हुआ एसेसमेंट

BRABU

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में महीने भर बाद पीएचडी की सीट कई विभागों में बढ़ जायेगी. दिसंबर 2018 में आयोग से आये शिक्षकों का तीन साल पूरा होने पर सर्विस कंफर्मेशन कर शोध की भी जिम्मेदारी दी जायेगी.. यूनिवर्सिटी के निर्देश पर सभी विभागों में एसेसमेंट शुरू कर दिया गया है. पैट 2021 के लिए नये शिक्षकों को शामिल कर रिक्ति निर्धारित करने की प्रक्रिया चल रही है. पैट 2020 में रिक्त विभिन्न विषयों के सीट भी इसमें जुड़ जायेंगे.

सभी विभागों में सीट के लिए एसेसमेंट किया जा रहा

पैट 2021 के लिए आवेदन की प्रक्रिया 30 अक्तूबर को खत्म हो गयी. हालांकि अभी तक विश्वविद्यालय की और से यह तय नहीं किया गया है कि किस विषय में कितने सीट हैं, डीएसडब्ल्यू डॉ अजीत कुमार ने बताया कि सभी विभागों में सीट के लिए एसेसमेंट किया जा रहा है, प्रयास किया जा रहा है कि जिन शिक्षकों का दिसंबर में सर्विस कंफर्मेशन होगा, उन्हें भी रिसर्च कराने की जिम्मेदारी दी जायेगी. इससे अधिक से अधिक छात्र-छात्राओं को भी रिसर्च करने का मौका मिल सकेगा.

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पीजी 2018-20 के छात्रों को भी मिल सकता मौका

पैट 2021 में पीजी 2018-20 के छात्रों को भी मौका मिल सकता है. डीएसडब्ल्यू डॉ अजीत कुमार ने बताया कि अभी दो सेमेस्टर का रिजल्ट आया है. जल्द ही तीसरे सेमेस्टर का रिजल्ट घोषित करके चौथे सेमेस्टर का परीक्षा फॉर्म भरवा दिया जायेगा, पैट 2021 में फाइनल सेमेस्टर के छात्र भी आवेदन कर सकते हैं. छात्र लगातार इसके लिए संपर्क कर रहे हैं. कहा कि वे अपने स्तर से इसके लिए कुलपति से अनुरोध करेंगे ताकि पीजी सत्र 2018-20 के छात्रों को भी मौका मिल सके. कुलपति से अनुमति के लिए एक अवसर दिया जायेगा.

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2019 के पीजीआरसी के बाद स्पष्ट होगी स्थिति

अभी 2019 में पैट क्लीयर करने वाले शोधार्थियों का मामला भी अटका है. करीब चार सौ शोधार्थियों का सिनोप्सिस पीजीआरसी से अपुव कराना है. इसके बाद ही उन्हें गाइड अलॉट होंगे. ऐसे में अभी यह तय करना भी मुश्किल है कि किस शिक्षक के अंडर में रिसर्च के लिए कितनी सीट बची है. इसके साथ ही पेट 2020 का मामला भी क्लीयर नहीं हो सका है, लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करके करीब 1100 अभ्यर्थी इंटरव्यू का इंतजार कर रहे हैं. एक सितंबर को लिखित परीक्षा का रिजल्ट आया था. गड़बड़ी को लेकर छात्र संगठनों ने आंदोलन किया, तो कुलपति ने दोबारा जांच का आश्वासन दिया है. दो महीने बाद भी इंटरव्यू के लिए विवि की ओर से कोई निर्णय नहीं लिया है.

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