बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की ओर से पीजी की तीसरी मेधा सूची जारी करने में विलंब हो सकता है। दूसरी सूची के आधार पर लिए गए नामांकन में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद पांडेय ने तीसरी सूची पर रोक लगा दी है। साथ ही प्रति कुलपति के नेतृत्व में जांच कमेटी का गठन किया है।
कमेटी को पता ही नहीं था कि जांच किस बिंदु पर करना
कमेटी की ओर से 14 दिन बाद भी अबतक जांच शुरू नहीं हो सकी है। बताया गया कि पहले सप्ताह में कमेटी को पता ही नहीं था कि जांच किस बिंदु पर करना है। प्रतिकुलपति प्रो. रवींद्र कुमार ने बताया कि सोमवार को कमेटी के सदस्य नामांकन में हुई गड़बड़ी की जांच करेंगे। एक से दो दिनों में कुलपति को इसकी रिपोर्ट भेज दी जाएगी।
51 सौ छात्र छात्राओं ने नामांकन लिया
रिपोर्ट देखने के बाद कुलपति के निर्देश के अनुसार तीसरी सूची जारी की जाएगी। बता दें कि दो बार विवि की ओर से समेकित मेधा सूची जारी की गई थी। इसके बाद करीब 51 सौ छात्र छात्राओं ने नामांकन लिया था। विवि में पीजी में विभिन्न विभागों को मिलाकर करीब 63 सौ सीटें निर्धारित हैं।
दूसरी सूची से तीसरी में बढ़ गया था कटआफ
विवि की ओर से सात अगस्त को जारी की गई तीसरी मेधा सूची में गड़बड़ी पाई गई थी। कई विषयों में दूसरी मेघा सूची से तीसरी में दो से पांच फीसद तक कटआफ अधिक हो गया था। पदाधिकारियों की ओर से बताया गया था कि बाढ़ के कारण पहली और दूसरी सूची में कुछ विद्यार्थी नामांकन नहीं ले सके थे।
उनके आवेदन पर विचार किया गया। इस कारण उन विषयों में कटआफ बढ़ गया था। जबकि, छात्र नेताओं ने कहा कि यदि सीट कम भी हैं तो दूसरी सूची से तीसरी का कटआफ कम होना चाहिए।
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