बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की ओर से स्नातक सत्र 2021-24 में नामांकन के लिए पांच महीने से प्रक्रिया चल रही है। तीन बार पोर्टल खोला गया है। इसके बाद भी सीट से करीब 25 हजार आवेदन कम प्राप्त हुए हैं। ऐसे में पोर्टल को फिर से खोला जा सकता है। विवि के अधिकारियों का कहना है कि छह-सात कालेजों को सरकार से मान्यता मिलनी है। इन कालेजों में नामांकन के लिए पोर्टल खोलना है। ऐसे में जिन छात्र-छात्राओं की ओर से अबतक आवेदन नहीं किया गया है उन्हें एक और मौका मिल सकता है।
नए कालेजों में और बढ़ेगी सीट :
पिछले वर्ष विवि के 76 कालेजों में करीब 1.42 लाख सीटों पर आवेदन लिया गया था। जबकि इस वर्ष सरकार से 17 डिग्री कालेजों को नामांकन के लिए मान्यता दी जा चुकी है। वहीं पांच छह और कालेजों की मान्यता पर सरकार विचार कर रही है। ऐसे में विवि में स्नातक में सीटों की संख्या में और वृद्धि हो सकती है। दूसरी ओर सरकार की ओर से डिग्री कालेजों में आधारभूत संरचना के आधार पर सीटों का पुनर्निर्धारण करना है। ऐसे में सीटों की संख्या घट-बढ़ सकती है।
इतिहास में सर्वाधिक 42 हजार से अधिक आवेदन : स्नातक में अबतक
1,39,245 आवेदन प्राप्त हुए हैं। जबकि सीटों की संख्या 1.65 लाख है। ऐसे में सीट से करीब 25 हजार कम आवेदन प्राप्त हुए हैं। अकेले इतिहास में 42206 छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है। जबकि, इतिहास में सीटों की संख्या करीब 20 हजार है। ऐसे में इतिहास में 20 हजार से अधिक विद्यार्थी नामांकन से वंचित हो जाएंगे। इसके बाद भूगोल में 17770, हिंदी में 14978, मनोविज्ञान में 12578 आवेदन प्राप्त हुए हैं। साइंस संकाय में सबसे अधिक जूलाजी में 7778 व अकाउंट्स में 7850 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
पांच हजार से अधिक आवेदन हो जाएगे निरस्त विवि की अबतक :
जो आवेदन प्राप्त हुए हैं उनमें करीब छह से सात हजार आवेदन में गड़बड़ी पाई गई है। कई में गलत जानकारी उपलब्ध कराई गई है। यूएमआइएस कोआर्डिनेटर प्रो. ललन झा ने बताया कि काफी आवेदनों की सुधार गया है। वहीं चार से पांच हजार आवेदन निरस्त हो जाएंगे।
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