Bihar University: बिहार यूनिवर्सिटी में अगले सत्र से सीबीसीएस च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (CBCS ) को स्नातक कोर्स में लागू करने की दिशा में कवायद शुरू हो गई है।
इसके लागू होते ही स्नातक में सेमेस्टर सिस्टम भी प्रभावी हो जाएगा। ऐसे में तीन की जगह 6 परीक्षाएं होंगी। वहीं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत यदि चार वर्ष का स्नातक होता है। इसमें 8 परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी।
यह ख़बर बिल्कुल अभी आई है और इसे सबसे पहले आप zeebihar.com पर पढ़ रहे हैं। जैसे-जैसे जानकारी मिल रही है, हम इसे Update कर रहे हैं। आप हमारे साथ बने रहिए और पाइए हर सही ख़बर, सबसे पहले सिर्फ zeebihar.com पर।
दूसरे विश्वविद्यालयों के सिलेबस का अध्ययन शुरू
बिहार यूनिवर्सिटी ने सीबीसीएस को स्नातक में लागू करने के लिए दूसरे विश्वविद्यालयों के सिलेबस का अध्ययन शुरू किया है। उसी पैटर्न पर यहां का सिलेबस तैयार कराया जाएगा। इसमें स्थानीय स्तर पर 10% तक पाठ्य सामग्री को जोड़ा – घटाया जा सकता है।
नया सिलेबस तैयार करने का जिम्मा सौंपा जाएगा:
सभी पीजी विभागों को नया सिलेबस तैयार करने का जिम्मा सौंपा जाएगा। अध्यक्ष छात्र कल्याण डॉ. अभय कुमार सिंह ने कहा कि UGC के बाद सरकार के स्तर से भी CBCS को लागू करने के लिए दबाव है। ऐसे में अगले सत्र से इसे स्नातक में प्रभावी करने के लिए तैयारी शुरू की गई है।
पीजी में पहले से लागू है सीबीसीएस
बता दे कि बिहार विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर (PG) में पूर्व से ही सीबीसीएस लागू है। ऐसे मैं पीजी में दो वर्षों में 4 परीक्षाएं ली जा रही हैं।
विश्वविद्यालय का सत्र विलंब से चल रहा है। ऐसे में पीजी के छह महीने के पाठ्यक्रम को जैसे-तैसे दो-तीन महीने में पूरा करा परीक्षाएं आयोजित कराने की योजना बनाई गई है।
ऐसे में स्नातक में छह या आठ परीक्षाएं आयोजित करना विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगी । लागू करने के लिए बनेगी कमेटी
CBCS लागू करने के लिए बनेगी कमेटी
स्नातक में सीबीसीएस लागू करने के लिए अलग-अलग कमेटियों का गठन किया जाएगा। पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए भी कमेटी बनेगी। इसमें संकायाध्यक्षों को शामिल किया जाएगा। वहीं इसे लागू करने की कार्ययोजना और मास्टर प्लान के लिए अलग कमेटी बनेगी।
CBCS लागू होने से ये होंगे फायदे
यूनिवर्सिटी अनुदान आयोग की ओर से शुरू की गई च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम में विद्यार्थियों को विषयों को चुनने की छूट मिलेगी। इसमें अंकों की जगह क्रेडिट प्रधान होगा।
इसमें पाठ्यक्रम के घंटों के आधार पर क्रेडिट दिया जाता है। साथ ही पाठ्यक्रम से इतर किसी विषय के अध्ययन की छूट के साथ ही उसका क्रेडिट भी विद्यार्थी के करियर में जुड़ता है। विद्यार्थी को एक विषय का चयन मुख्य रूप से करना होगा। इसके अतिरिक्त इसमें अन्य विषयों को शामिल किया जा सकता है।
उपरोक्त सभी बिंदुओँ की मदद से हमने आपको पूरी न्यू अपडेट के बारे मे बताया ताकि आप इसका पूरा – पूरा लाभ प्राप्त कर सकें। अन्त, आर्टिकल के अन्त में, हमें उम्मीद है कि आप सभी को हमारा यह आर्टिकल बेहद पसंद आया होगा जिसके लिए आप हमारे इस आर्टिकल को लाइक, शेयर व कमेंट करेगे।
बिहार यूनिवर्सिटी की सभी बड़ी खबरें जानने हेतु ज्वॉइन करें
Join WhatsApp – Click Here
Facebook Group – Click Here
Follow On Google News – Click on Star 🌟
Join Telegram Group – Click here