बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में 1700 छात्र एक साथ रिसर्च करेंगे। कोरोना के कारण यह स्थिति बनने जा रही है। एक साल पहले पीएचडी एडमिशन टेस्ट पास होने वाले छात्रों के रिसर्च शुरू करने में अभी भी वक्त लगेगा। वहीं, कोरोना को लेकर स्थिति नियंत्रित होते ही पैट के आयोजन से पास होकर आने वाले छात्रों के कारण इतने रिसर्च स्कॉलर विवि में पहली बार होंगे।
पिछले साल के तीन सौ से अधिक छात्र पैट पास
पिछले साल के तीन सौ से अधिक छात्र पैट पास कर कोर्सवर्क के बाद रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। जबकि इस बार के पैट के लिए विवि ने 1400 सीटें तय की हैं। इनकी परीक्षा होने और इनके कोर्सवर्क पूरा होने के बाद अगले सात से आठ महीने में कुल 1700 छात्र एक साथ पीएचडी के लिए रिसर्च करेंगे। इतनी संख्या में एक साथ पीएचडी करने वालों की संख्या होने से गाइड के साथ शोधार्थियों के लिए भी काम आसान नहीं होगा।
वहीं, विवि के लिए भी इतने छात्रों को पीएचडी की प्रक्रिया को कराना चुनौती होगी। जिन छात्रों ने पिछले वर्ष 2020 में पीएचडी एडमिशन टेस्ट पास किया। उनके छह महीने का कोर्सवर्क पूरा हो गया है।

इनकी परीक्षा हो गई, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन के कारण उनका रिजल्ट नहीं जारी हो सका है। इनके रिजल्ट आने के बाद उनके सिनॉप्सिस पर डीआरसी फिर पीजीआरसी से मुहर लगेगी। इसके बाद रजिस्ट्रेशन होगा।
परीक्षा वहीं, 1400 सीटों पर पैट के लिए तैयारी हो चुकी
तब उनका पीएचडी रिसर्च शुरू हो सकेगा। वहीं, 1400 सीटों पर पैट के लिए तैयारी हो चुकी है। परीक्षा वहीं, 1400 सीटों पर पैट के लिए तैयारी हो चुकी है। परीक्षा केन्द्र भी तय है। लॉकडाउन और स्थिति सामान्य होते ही विवि परीक्षा लेगा। विवि अधिकारी का कहना है कि इसके रिजल्ट में ज्यादा समय नहीं लगाया जाएगा। रिजल्ट के साथ उनका कोर्सवर्क भी शुरू करा दिया जाएगा। ऐसे में अगले आठ महीने में दो सत्र के करीब 1700 छात्र एक साथ पीएचडी करेंगे।
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