बिहार यूनिवर्सिटी मे 5 जनवरी को होने वाली सिंडिकेट की बैठक यूनिवर्सिटी कर्मचारी संघ नहीं होने देगा। मार्च 2021 में सहमति बनने के बाद भी विभिन्न प्रस्ताव लागू नहीं करने पर यूनिवर्सिटी कर्मचारी संघ का आक्रोश फूट पड़ा है। रविवार को आयोजित यूनिवर्सिटी कर्मचारी संघ की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
नामांकन में ली गई राशि का 50 फीसदी अर्थात 300 रुपया प्रति छात्र कॉलेज को लौटाने पर सहमति
संघ की ओर से आयोजित बैठक में सदस्यों ने कहा कि सीनेट सिंडिकेट का चुनाव 2012 में हुआ था, जबकि इसका कार्यकाल तीन साल का ही होता है। आज तक चुनाव नहीं कराना जनतांत्रिक मूल्यों की अवहेलना है। इसके साथ ही नामांकन में ली गई राशि का 50 फीसदी अर्थात 300 रुपया प्रति छात्र कॉलेज को लौटाने पर सहमति बनी थी।
यूनिवर्सिटी पदाधिकारियों की वार्ता के बाद सहमति बनी
कॉलेज के कुल आंतरिक आय के 70 फीसदी शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतनमद में खर्च करने संबंधी राज्य आदेश को सख्ती से लागू करवाया जाए। इन सभी प्रस्तावों पर संघ और यूनिवर्सिटी पदाधिकारियों की वार्ता के बाद सहमति बनी थी, मगर आज तक यह लटका ही हुआ है।
बैठक में 15 फरवरी तक संघ के चुनाव का भी निर्णय लिया गया।
बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी संघ की विवि इकाई की इस बैठक में संयोजक प्रो. धर्मेन्द्र कुमार चौधरी, ज्ञानेश्वर प्रसाद सिंह, धनश्याम ठाकुर, धीरेन्द्र सिंह समेत अन्य सदस्य मौजूद थे। बैठक में 15 फरवरी तक संघ के चुनाव का भी निर्णय लिया गया।
Telegram Group – Click here
Facebook Group – Click Here
Bihar News – Click Here
Join WhatsApp – Click Here