बिहार यूनिवर्सिटी में पुरानी पेंशन योजना को रखा जाए बहाल, सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया

बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी में बिहार लोग सेवा आयोग से चयनित सहायक प्राध्यापकों ने गुरुवार को बैठक कर पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग यूनिवर्सिटी प्रशासन से की। बैठक में नई पेंशन योजना का विरोध करने का निर्णय भी लिया गया। सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि बीपीएससी चयनित शिक्षकों के प्रतिनिधि बुटा एवं बुस्टा के पदाधिकारियों से मिलकर अपनी मांग से अवगत करवाएंगे तथा राजभवन को एक प्रतिवेदन भी देंगे।

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कुलपति एवं राजभवन को ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया गया

कहा कि नयी पेंशन योजना कर्मचारियों के हित में नहीं है। इसलिए नए शिक्षक ओपीएस के लिए आंदोलन सहित अन्य विकल्पों पर विचार कर सकते हैं। बैठक में पीएचडी वेतन वृद्धि के लिए भी कुलपति एवं राजभवन को ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया गया। साथ ही कोविड के खतरे को देखते हुए महाविद्यालयों एवं विभागों में बॉयोमेट्रिक उपस्थिति नहीं प्रारंभ करने की मांग विश्वविद्यालय प्रशासन से करने का भी निर्णय लिया गया।

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राजभवन को एक प्रतिवेदन

मौके पर डॉ. माला मुखोपाध्याय, डॉ. सोनल, डॉ. संदीप, डॉ. आशुतोष कुमार, डॉ. जितेंद्र कुमार मिश्रा, डॉ. सुमन लता, डॉ. अजय कुमार, डॉ. अमित, डॉ. अब्दुल आजाद, डॉ. अशोक कुमार साह, डॉ. प्रेमलता, डॉ. आभा कुमारी, डॉ. ऋतु, डॉ. आदित्य आभा कुमारी, डॉ. इम्तियाज अहमद, डॉ. धर्मेंद्र कुमार महतो, डॉ. राकेश रंजन, डॉ. सुशांत कुमार, डॉ. उज्ज्वल आलोक, डॉ. संध्या पांडेय, डॉ. हेमा थीं।

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