बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी के छात्र अब मैथिली-भोजपुरी और बज्जिका भाषा में फिजिक्स-केमेस्ट्री और दूसरे विषय पढ़ेंगे। UGC ने बिहार यूनिवर्सिटी समेत सभी यूनिवर्सिटी के कुलपतियों को निर्देश दिया है कि वह अपने यहां पढ़ाये जाने वाले विषयों को छात्रों की मातृ भाषा में अनुवाद करें।
सभी यूनिवर्सिटी से इस बारे में जानकारी मांगी
इससे उन्हें चीजों को समझने में आसानी होगी। UGC ने 20 नवंबर तक सभी यूनिवर्सिटी से इस बारे में जानकारी मांगी है कि उनके यहां कितने विषय की पढ़ाई होती है और वह कितने दिनों में अनुवाद का काम पूरा कर सकते हैं।
छात्रों को अपनी मातृभाषा में पढ़ाई का निर्देश
UGC ने अपने निर्देश में कहा है कि नयी शिक्षा नीति में इस बात पर जोर दिया गया है कि छात्र अपनी मातृभाषा में पढ़ाई करें। इसलिए उच्च शिक्षा में भी इसे लागू किया जाना है। अलग-अलग भाषाओं में विषयों के पढ़ने से छात्रों को देश में पायी जाने वाली विविधताओं की भी जानकारी होगी।
बिहार यूनिवर्सिटी के DSW प्रो. अजीत कुमार ने कहा
UGC ने कहा है कि कुलपति अपने यहां शिक्षकों से अपील करें कि वह पाठ्य सामग्रियों का उच्च श्रेणी में अनुवाद करें। इससे छात्रों के ज्ञान में बढ़ोतरी होगी। बिहार यूनिवर्सिटी के Dsw प्रो. अजीत कुमार ने कहा कि अभी UGC का पत्र देखा नहीं है। लेकिन, वहां से जो दिशा-निर्देश मिलेगा उसके अनुरूप काम किया जाएगा।
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