37,335 शिक्षकों की होनी है नियुक्ति Teacher restoration
इस नोटिफिकेशन के आधार पर माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 37 हजार 335 शिक्षकों की नियुक्ति होनी है । Teacher restoration
इनमें 25 हजार 270 पद माध्यमिक और 12 हजार 65 पद उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों के लिए हैं। सात साल बाद एसटीईटी हुआ था। जिस कारण उम्र सीमा में छूट दी गई थी। पटना हाईकोर्ट ने बिहार बोर्ड को एसटीईटी का परिणाम घोषित करने आदेश दिया है। इससे सूबे में
माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। परिणाम घोषित होने के बाद राज्य
सरकार नियोजन का शिड्यूल बनाएगी। उसके बाद जिलावार नियोजन प्रक्रिया शुरू होगी। नियोजन
इकाइयां रोस्टर और मेधा के अनुसार रिक्त सीटों पर मेरिट सूची बनाएंगी। प्रदेश के माध्यमिक और उच्च
माध्यमिक स्कूलों में 37 हजार 335 शिक्षकों की नियुक्ति होनी है।
गुरुवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए बोर्ड की ऑनलाइन परीक्षा को सही करार दिया। साथ ही ऑनलाइन एसटीईटी के परिणाम घोषित करने को हरी झंडी दे दी हालांकि कोर्ट ने राज्य सरकार और
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को भविष्य में एसटीईटी के लिए सिलेबस बनाने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की एकलपीठ ने आदित्य प्रकाश एवं अन्य की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। कोर्ट को बताया गया कि बगैर माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का सिलेबस जारी किये ऑनलाइन परीक्षा ली गई।
जबकि ऑनलाइन परीक्षा के लिए बोर्ड ने राज्य सरकार को सूचित कर मंजूरी ली थी। Teacher restoration

उन्होंने ऑनलाइन परीक्षा सहित ऑनलाइन की सारी प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग कोर्ट से की।
बिहार यूनिवर्सिटी इंफोर्मेशन क्लिक करे
वहीं, राज्य सरकार तथा बोर्ड की ओर सेमहाधिवक्ता ललित किशोर तथा ज्ञान शंकरने कोर्ट को बताया कि
कोरोना को देखते हुए एसटीईटी माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा ऑनलाइन लेने का निर्णय लिया गया था।
कोर्ट ने बोर्ड की दलील को मंजूर करते हुए ली गई ऑनलाइन परीक्षा को सही निर्णय करार देते हुए अर्जी
को निष्पादित कर दिया और कहा कि भविष्य में होने वाले एसटीईटी के लिए सिलेबस बनाया जाए।
डेढ़ साल तक लंबित रहा मामला
माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2019 का
नोटिफिकेशन सितंबर 2019 में जारी हुआ था। इसकी ऑफलाइन परीक्षा 28 जनवरी 2020 को हुई थी।
इस परीक्षा में चार केंद्रों पर आउट ऑफ सिलेबस प्रश्न पूछे जाने पर हंगामा हुआ था। हंगामा करने वाले
छात्रों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी।
इसी बीच अनियमितता पाए जाने पर परीक्षा रद्द कर दी गई। तब बिहार बोर्ड ने सितंबर 2020 में
ऑनलाइन परीक्षा ली। इसमें आउट ऑफ सिलेबस का आरोप लगाते हुए कुछ छात्रों ने याचिका दायर कर दी थी।
तब हाईकोर्ट ने 26 नवंबर 2020 को रिजल्ट जारी करने पर रोक लगा दी। गुरुवार को सुनवाई करते हुए
हाईकोर्ट ने ऑनलाइन परीक्षा को सही करार दिया और रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया। क्लिक करें