बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने राज्य के सरकारी विद्यालयों में काम कर रहे नियोजित शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। बढ़ती महंगाई के बीच शिक्षा विभाग ने कार्यरत शिक्षकों के वेतनमान में 2500 रुपये से लेकर 4500 रुपये तक बढ़ाने का मन बनाया है। सरकार के इस फैसले से लगभग पौने तीन लाख शिक्षकों को फायदा होगा।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के इस फैसले से शिक्षकों को फायदा मिलने की उम्मीद है। पिछले साल कैबिनेट के फैसले में मूल वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि की गई है जो अप्रैल महीने से शिक्षकों और पुस्तकालयध्यक्षों पर लागू होगा। सूत्रों के अनुसार, शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों से कार्यरत शिक्षकों और पुस्तकालयध्यक्षों की संख्या को लेकर जानकारी मांगी है।
10 अप्रैल तक राज्य के सभी 38 जिलों के डीईओ को जरूरी निर्देश दिए गए हैं। बिहार में पिछले साल जब शिक्षकों ने हड़ताल की थी तब उनकी मुख्य मांगों में से एक वेतन वृद्धि भी थी। पिछले साल मई के पहले हफ्ते में शिक्षकों की यह हड़ताल खत्म हुई थी। चुनाव के दौरान वेतनमान के लेकर चर्चा हुई थी। अब जाकर शिक्षकों का इंतजार खत्म होने वाला है।
जानकारी के अनुसार, बिहार में कार्यरत शिक्षक हाई स्कूल से लेकर क्लास वन तक में अपनी सेवा दे रहे हैं। नीतीश कुमार ने 2005 में सत्ता संभालने के बाद बड़े पैमाने पर नियोजित शिक्षकों को बहाल किया था। हालांकि इन्हें कार्यरत शिक्षक कहा जाने लगा है।
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