BRABU: बिहार यूनिवर्सिटी में नैक मूल्यांकन के लिए शुरू हुई कार्यशाला का समापन गुरुवार को हो गया। दूसरे दिन होम्योपैथिक, फार्मेसी, बीएड, आयुर्वेदिक कॉलेजों के प्रधानाचार्य और नैक समन्वयक के साथ बैठक हुई।
कुलपति ने अपने संदेश में कहा नैक के लिए कॉलेज हर जरूरी कदम उठाएं
इसकी अध्यक्षता कुलसचिव प्रो. राम कृष्ण ठाकुर ने की। इस दौरान कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद पांडेय का संदेश बिहार यूनिवर्सिटी के आईक्यूएसी के निदेशक प्रो. कल्याण कुमार झा ने पढ़कर सुनाया। कुलपति ने अपने संदेश में कहा कि नैक के लिए कॉलेज हर जरूरी कदम उठाएं।
कहा कि विश्वविद्यालय अपने, राजभवन एवं राज्य सरकार के नियम-परिनियम के अंतर्गत रहते हुए ऐश में पंजीयन, नैक मूल्यांकन एवं पैक के लिए गंभीरता पूर्वक कार्य करेगा। मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा के अकादमिक सलाहकार प्रो. एनके अग्रवाल ने कहा कि नैक से मूल्यांकित होना सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए आवश्यक है।
काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा
संबद्ध कॉलेजों के लिए आने वाले दिनों में इसके बिना काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। इसके बिना कॉलेज को सरकार से मिलने वाले अनुदान से वंचित होना पड़ सकता है। राज्य सरकार के शैक्षिक व परीक्षा सुधार विशेषज्ञ फ्रांसिस सीपीटर ने कहा कि नैक से पहले कॉलेज पैक भी करा सकते हैं। उच्च शिक्षा विभाग के अकादमिक अधिकारी डॉ. गौरव सिक्का ने अस्थाई मान्यता के बारे में बताया।
संस्था अपनी खामियों को जानकर छवि को सुधार करें
कुलसचिव ने कहा कि राष्ट्रीय मूल्यांकन से अपनी वस्तुस्थिति का पता चलेगा। संस्था अपनी खामियों को जानकर छवि को सुधार सकते हैं। प्रॉक्टर प्रो. अजीत कुमार ने कहा कि हम पुरानी मूल्यांकन और औपबंधिक मूल्यांकन दोनों व्यवस्थाओं को अपनाकर अपने को अनुदानित संस्थाओं की श्रेणी में आ सकते हैं। कार्यशाला में सीसीडीसी डॉ. अमिता शर्मा, विकास पदाधिकारी डॉ. पंकज कुमार, आरबीबीएम कॉलेज की डॉ. मधु, एमपीएस साइंस कॉलेज के डॉ. आशुतोष कुमार सिंह एवं विश्वविद्यालय हिंदी विभाग के डॉ. सुशांत कुमार थे।
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