विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने सभी राज्यों के उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI) को Phd छात्रों की थीसिस तुरंत अपलोड करने का निर्देश दिया है. इसके बाद राष्ट्रीय संस्थान रैंकिंग का उपयोग करके राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड रैंकिंग के आवंटन किया जाएगा. आयोग के सचिव रजनीश जैन ने कहा कि शोधकर्ताओं के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने बताया है, कि 2019 के बाद से कई संस्थानों ने थीसिस अपलोड नहीं किए है. उन्होंने कहा कि 2019, 2020 और 2021 में स्नातक करके Phd करने वाले छात्रों की संख्या का डेटा एनबीए भारत रैंकिंग 2023 के लिए सेव किया जाएगा.
UGC ने HEI से आग्रह करते हुए कहा है कि स्नातक से पीएचडी करने वाले छात्रों के शोध और शोध कार्यों के भंडार, शोधगंगा में अपलोड करने से संख्या पर प्रामाणिक डेटा प्राप्त करने में सुविधा मिलेगी. उन्होंने कहा, कि केंद्रीय रूप से बनाए गए डिजिटल रिपॉजिटरी के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक थीसिस की ऑनलाइन उपलब्धता न केवल कार्य को आसान बनाएगी, बल्कि थीसिस को संग्रह करने में मदद करेगी. इससे रिसर्च की गुणवत्ता में बढ़ोत्तरी होगी.
आयोग के रजनीश जैन ने HEI को डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत ई-हस्ताक्षर की ई-साइन सेवाओं को अपनाने के लिए भी कहा है. उन्होंने कहा कि यह भारतीय एलटी अधिनियम 2000 के अनुसार कानूनी रूप से स्वीकार्य तरीके से छात्रों और संकायों द्वारा ऑनलाइन दस्तावेजों पर आसान, सुरक्षित और त्वरित हस्ताक्षर की सुविधा प्रदान करेगा. उन्होंने कहा कि ई-साइन सेवाएं ऑनलाइन सेवा को भी सुरक्षित करती हैं जिसमें CCA और आधार इंडिया कार्यक्रम के दिशानिर्देशों का अनुपालन होता है.
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