बीआरए विवि के फैसले के बाद हजारों बच्चों को बड़ी राहत बिना संबद्धन वाले कॉलेजों में नामांकन लिये करीब 20 हजार छात्रों को दूसरे कॉलेजों में शिफ्ट कर दिया गया है। काफी जद्दोजहद के बाद बीआरए बिहार विश्वविद्यालय ने यह फैसला लिया है। colleges with no accreditation
इनमें 12 हजार छात्रों अंगीभूत कॉलेजों में जबकि शेष बच्चों को संबद्धता प्राप्त कॉलेजों में नामांकित कर दिया गया है। इन छात्रों के परीक्षा फॉर्म भरने से लेकर मार्क्स शीट तक पर अब नए कॉलेज का नाम होगा।
कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि इन छात्रों को अब नए सिरे से रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं होगी। पूर्व में विवि से हुए रजिस्ट्रेशन ही मान्य होगा। इनका सत्र 2019-22 पिछले साल होने वाली थी लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण टल गई।
इस साल स्नातक पार्ट-वन के छात्रों का परीक्षा फॉर्म ऑनलाइन भराना शुरू हुआ तो परीक्षा नियंत्रक ने बिना संबद्धता वाले छात्रों के परीक्षा फॉर्म पर रोक लगा दी। उनका कहना था बिना संबद्धता वाले कॉलेजों के छात्रों की परीक्षा कैसे ली जा सकती है ?
इसके बाद परीक्षा विभाग की ओर से छात्रों के मोबाइल नंबर पर फॉर्म स्वीकर न करने का मैसेज भेजा गया। इनके कारण अन्य कॉलेजों के करीब एक लाख छात्रों की परीक्षा भी नहीं हो सकी।
इसके बाद सात सदस्यीय कमेटी का गठन कर इस पर मंथन शुरू हुआ। कमेटी के फैसले के बाद ऐसे सभी बच्चों को दूसरे कॉलेजों में शिफ्ट करने
की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
बच्चों के हित में लिया गया फैसला
छात्र हित को देखते हुए और कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर बिना संबद्धता वाले कॉलेजों के छात्रों को दूसरे कॉलेजों से परीक्षा कराने का | फैसला हुआ । अधिकांश छात्रों को अंगीभूत कॉलेजों में शिफ्ट किया गया। सीटें नहीं होने के कारण बचे छात्रों को संबद्धता प्राप्त कॉलेजों में भेजा गया। छात्र नये कॉलेज से जाने जाएंगे।
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Students of colleges with no accreditation will be given exam from other colleges for the session 2019-22