बिहार यूनिवर्सिटी मे पीजी परिणाम के इंतजार में बीत गए छह माह, यूनिवर्सिटी में छात्रों का प्रदर्शन

BRABU

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की लचर कार्यशैली और छात्र विरोधी नीतियों के विरोध में गुरुवार को विद्यार्थियों का गुस्सा फूट पड़ा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बैनर तले सैकड़ों विद्यार्थियों ने विवि में प्रदर्शन कर अधिकारियों पर करियर से खेलने का आरोप लगाया परिषद के कार्यकर्ता करीब 11 बजे परीक्षा नियंत्रक और अध्यक्ष छात्र कल्याण के कार्यालय पहुंचे। दोनों में से कोई भी पदाधिकारी अपने कक्ष में नहीं मिले नाराज छात्रों ने दोनों के कार्यालय में ताला जड़ दिया और प्रशासनिक भवन की सीढ़ियों पर धरना पर बैठ गए।

यूनिवर्सिटी के पदाधिकारियों को सिर्फ वेतन लेने से मतलब

अभिनव राज ने बताया कि पीजी सत्र 2018-20 की द्वितीय और तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाओं का परिणाम छह महीने बाद भी जारी नहीं किया जा सका है। जबकि, कोरोना की दूसरी लहर कम होने के बाद विवि खुले दो महीने से अधिक बीत गए। विवि के पदाधिकारियों को सिर्फ वेतन लेने से मतलब है विद्यार्थियों का करियर दाव पर है इसकी परवाह ही नहीं। विवि संयोजक पुष्कर सिंह ने बताया कि फरवरी-मार्च में पीजी द्वितीय और तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाएं हुई थीं। तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक डा. मनोज कुमार ने एक महीने के भीतर परिणाम जारी करने का आश्वासन दिया था।

पीजी सत्र 2019- 21 की अबतक एक भी सेमेस्टर की परीक्षा नहीं हुई

कुछ समय बाद उनके बदले डा. संजय कुमार को परीक्षा नियंत्रक बनाया गया। कोरोना काल में कुछ दिन विभाग में बंद रहे। इसके खुलने के बाद भी परीक्षा परिणाम जारी नहीं किया जा सका परिणाम जारी नहीं होने से लगातार दूसरी बार भी इस सत्र के विद्यार्थी पैट में शामिल होने से वंचित रह गए पीजी सत्र 2019- 21 की अबतक एक भी सेमेस्टर की परीक्षा नहीं हुई है। स्नातक सत्र 2019-22 के 25 हजार विद्यार्थियों को अबतक कालेज आवंटित नहीं किया जा सका।

अब तीन सत्र के विद्यार्थी एक ही साथ प्रथम वर्ष में आ गए हैं। स्नातक सत्र 2018-21 के तृतीय वर्ष पीजी सत्र 2018- 20 के चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा का भी कोई पता नहीं है। छात्रों ने परीक्षा नियंत्रक, डीएसडब्ल्यू और कुलसचिव के कार्यालय में ताला जड़ दिया।

दो दिनों में यदि परिणाम नहीं आया तो चरणबद्ध आंदोलन होगा

हंगामा की सूचना पर कुलानुशासक डा. अजीत कुमार मौके पर पहुंचे। विवि थाने की पुलिस और सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में छात्रों से वार्ता हुई। कुलानुशासक ने कहा कि संबंधित पदाधिकारी से बात कर शीघ्र परिणाम जारी कराया जाएगा। इसके लिए उन्होंने दो दिनों का समय मांगा। विद्यार्थियों ने कहा कि दो दिनों में यदि परिणाम नहीं आया तो चरणबद्ध आंदोलन होगा और विवि इसके लिए जिम्मेदार होगा। प्रदर्शन के दौरान विभाग संयोजक प्रभात श्रीवास्तव, महानगर मंत्री दीपांकर गिरी, देवेश्वर कुमार, बबलू कुमार, सुमंत कुमार, रविभूषण शुक्ला, प्रिंस, आदित्य आदि मौजूद थे।

नौ महीने बीते पर अंकपत्र का पता नहीं

प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों ने आरोप लगाया कि तीन वर्ष बीत जाने के बाद पीजी के एक भी सेमेस्टर का अंकपत्र नहीं दिया गया है। जनवरी में प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा का परिणाम जारी किया गया था। नौ महीने बीत जाने के बाद विद्यार्थियों को अकपत्र नहीं दिया गया है। पूछे जाने पर पदाधिकारियों की ओर से सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है।

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