बिहार यूनिवर्सिटी के पीजी फर्स्ट सेमेस्टर के रिजल्ट में नाम और रोल नंबर बदलने का मामला अब परीक्षा बोर्ड में जाएगा। परिणाम को सुधारने के लिए परीक्षा बोर्ड में प्रस्ताव लाकर विद्यार्थियों को नामांकन के अनुसार जारी रोल नंबर पर शिफ्ट किया जाएगा। पीजी के रिजल्ट में तकरीबन 1 हजार छात्र-छात्राओं के नाम और रोल नंबर बदल गए हैं। रिजल्ट हुए उलटफेर से छात्र परेशान हैं।
इधर, परीक्षा बोर्ड में जाएगा रिजल्ट में गड़बड़ी का मामला, संशोधित होंगे नाम और रोल नंबर
“सुधार के लिए हर दिन दर्जनों छात्र विवि का चक्कर लगा रहे हैं। परीक्षा विभाग के अनुसार नामांकन के बाद यूएमआईएस से रोल नंवर जारी किया गया था। लेकिन, विभागाध्यक्षों ने अलग नंबर जारी कर दिए। नए रोल के आधार पर ही छात्रों ने परीक्षा दी और परीक्षकों ने उसी पर अंक भी दिए। लेकिन, अंकों को जब यूएमआईएस से मिले नाम के आगे अपलोड किया गया तो ऐसे सभी छात्र-छात्राओं का नाम, रोल नंबर बदल गए। परीक्षा नियंत्रक डॉ. संजय कुमार ने कहा कि जांच में गड़बड़ी कहाँ से हुई। यह पता चल गई है।
प्रायोगिक परीक्षा का अंक नहीं भेजे जाने के कारण ऐसा हुआ
लेकिन, सीधे परीक्षार्थियों का नाम रोल नंबर अब बदलना रिजल्ट में टेंपरिंग माना जाएगा। इसलिए इस मामले को परीक्षा बोर्ड की बैठक में ले जाकर बदलाव की स्वीकृति ली जाएगी। प्रायोगिक परीक्षा में उपस्थित होने के बाद भी विद्यार्थियों को परिणाम में अनुपस्थित बताया गया। इस कारण उनका परिणाम प्रमोटेड दिख रहा है। ऐसे विद्यार्थियों की सूची संबंधित विभाग को भेजी गई है। उनके प्रायोगिक परीक्षा का अंक नहीं भेजे जाने के कारण ऐसा हुआ है।
ग्रेस देकर प्रमोट को पास करने की मांग
छात्रों का कहना है कि कुछ घंटे में अचानक रिजल्ट आ गया। इससे संदेह हो रहा है। एलएस कॉलेज के छात्र पहली बार में एक पेपर सीसी-1 में फेल थे। इस बार भी अधिकतर फेल हैं। आनन-फानन में किसी रिजल्ट दिखा दिया गया है। छात्रों को ग्रेस देकर पास किया जाना चाहिए। वे लोग फोर्थ सेमेस्टर का फॉर्म भी भर चुके हैं। ऐसे में उनलोगों का भविष्य चौपट हो जाएगा।
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