बिहार यूनिवर्सिटी मे छह जिले के चार लाख छात्रों का भविष्य अधर में लटका, परीक्षा और परिणाम में उलझे विश्वविद्यालय के लाखों छात्र

BRABU zeebihar

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के ‘चक्रव्यूह’ में मुजफ्फरपुर सहित छह जिलों के चार लाख से अधिक छात्र फंसे हैं, पढ़ाई, परीक्षा और परिणाम बेपटरी हो चुकी है. एकेडमिक व एग्जामिनेशन कैलेंडर को पटरी पर लाने की कवायद चल रही है, लेकिन कोई न कोई मामला अटक जा रहा है.

छात्रों का कहना है कि स्नातक व पीजी का सत्र लॉकडाउन के साथ ही विवि प्रशासन की उदासीनता के कारण भी प्रभावित हो रहा है. स्नातक के वर्तमान सत्र में अभी नामांकन की प्रक्रिया चल तो दो सत्र के छात्रों को पार्ट वन की परीक्षा का इंतजार है. वहीं, पीजी का सत्र एक साल देर से चल रहा है. साथ ही वोकेशनल व प्रोफेशनल कोर्स में भी हजारों छात्र-छात्राओं ने विभिन्न जिलों में नामांकन लिया है. मुजफ्फरपुर सहित वैशाली, शिवहर सीतामढ़ी, मोतिहारी व बेतिया के छात्र बिहार विवि के अंगीभूत व संबद्ध कॉलेजों में पढ़ते हैं.

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स्नातक पार्ट वन की दो साल बाद होगी परीक्षा स्नातक सत्र 2019-22 के पार्ट वन की परीक्षा दो साल बाद चार अक्टूबर से शुरू होगी. यह परीक्षा पिछले साल ही होनी थी. इस साल अप्रैल में परीक्षा कराने की तैयारी थी, तबतक लॉकडाउन लग गया. हालांकि शेड्यूल जारी होने के बाद भी तैयारी पूरी नहीं होने के कारण एक वतीन अक्टूबर की परीक्षा रद्द कर दी गयी है. वहीं, सत्र 2020-23 के पार्ट वन की परीक्षा दिसंबर या जनवरी तक जा सकती है, नवबर से पार्ट टू व थी की परीक्षा होगी, वहीं, वर्तमान सत्र यानी 2021-24 में एडमिशन की प्रक्रिया छह महीने से चल रही है. अभी सेकेंड मेरिट लिस्ट पर चार अक्टूबर तक एडमिशन होना है.

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पीजी का एक साल विलंब से चल रहा सत्र

पीजी का सत्र अनियमित है, अभी सत्र 2020-22 में एडमिशन हुआ है वह भी आठ विषयों में सीट खाली रह गयी है, जबकि विधि की ओर से तीन मेरिट लिस्ट जारी की जा चुकी है, अब ऑनस्पॉट एडमिशन की सुविधा दी जा सकती है, वहीं, परीक्षा और परिणाम को लेकर छात्र परेशान है. इस साल फरवरी और मार्च में सत्र 2018-20 के सेकेंड व थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा ली गयी थी. सेकेंड सेमेस्टर का परिणाम अगस्त में जारी किया गया, जिसमें गड़बड़ी की शिकायत छात्रों ने की है, अबतक सुधार नहीं हुआ है, चाहीं छह महीने बाद भी थर्ड सेमेस्टर का परिणाम जारी नहीं हो सका है..

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पीएचडी एडमिशन में भी आ रहीं रुकावटें

विश्वविद्यालय से पीएचडी करना भी कम चुनौती भरा काम नहीं है वर्ष 2019 के शोधार्थियों का अबतक पीजीआरसी नहीं हुआ है. वहीं, वर्ष 2020 का पीएचडी एडमिशन टेस्ट विवादों में है. एक महीने पहले विवि ने परिणाम जारी किया, जिस पर तमाम छात्रों ने आपत्ति की है. कुलपति ने हफ्ताभर पहले दूसरी एजेंसी से ओएमआर की जांच कराने का आश्वासन दिया है. अभी प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. इसमें पखवारा भर का समय लग सकता है. वहीं, सफल अभ्यर्थियों को इंटरव्यू का इंतजार है पैट में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए छात्र संगठनों ने आंदोलन भी शुरू कर दिया है.

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