स्नातक सत्र 2019-22 के पार्ट- 1 की परीक्षा में OMR शीट पर प्रश्नपत्र का ग्रुप दर्ज नहीं होने के कारण सैकड़ों विद्यार्थियों का फंसेगा रिजल्ट

बिहार यूनिवर्सिटी की ओर से कराई गई सत्र 2019-22 के प्रथम वर्ष की परीक्षा में सैकड़ों विद्यार्थियों का परिणाम पेंडिंग हो सकता है। ओएमआर शीट पर प्रश्नपत्र का ग्रुप दर्ज नहीं किए जाने से ऐसी स्थिति बन रही है। अबतक करीब तीन सौ विद्यार्थियों की उत्तरपुस्तिकाओं में इस प्रकार की गड़बड़ी सामने आई है। वहीं इसकी संख्या बढ़कर सात से आठ सौ तक हो सकती है। मुजफ्फरपुर के अलावा सीतामढ़ी, पूर्वी व पश्चिम चंपारण, वैशाली के कालेजों में भी ऐसी समस्याएं सामने आई हैं। इस सत्र की प्रथम वर्ष की परीक्षा ओएमआर शीट पर ली गई है। इसमें प्रश्नपत्र चार ग्रुप में घंटे थे। पहली बार ओएमआर शीट पर परीक्षा होने से काफी परीक्षार्थियों को इसे समझने में परेशानी हुई।

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परीक्षा नियंत्रक डा. संजय कुमार ने बताया

परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि कुछ विद्यार्थियों ने उपस्थिति पंजी पर ग्रुप दर्ज किया था, लेकिन उत्तरपुस्तिका में इसे दर्ज नहीं कर सके। ऐसे परीक्षार्थियों की उत्तरपुस्तिका का उपस्थिति पंजी से मिलान कर ग्रुप दर्ज कर दिया गया है। वहीं कुछ छात्र-छात्राओं ने इन दोनों में किसी भी जगह ग्रुप दर्ज नहीं किया है। उनको एडमिट कार्ड और बुकलेट की तस्वीर साथ लेकर भेजने को कहा गया है। एडमिट कार्ड से रोल नंबर और प्रश्न बुकलेट से सिरीज का मिलान किया जाएगा। ससमय जिन कालेजों ने इसे उपलब्ध नहीं कराया वहां के विद्यार्थियों का परिणाम पेंडिंग हो जाएगा। ऐसे विद्यार्थियों की उत्तरपुस्तिका में किस ग्रुप की उत्तर कुंजी से मूल्यांकन किया जाए यह समस्या आ रही है।

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कालेजों को भेजा पत्र, बुकलेट और एडमिट कार्ड से मिलान कर उपलब्ध कराना है गुप

परीक्षार्थी बोले- केंद्र पर नहीं दी गई कोई जानकारी उत्तरपुस्तिका पर ग्रुप दर्ज नहीं करने वाले कई परीक्षार्थियों ने बताया कि पहली बार ओएमआर शीट पर परीक्षा ली जा रही थी। ऐसे में उसे ठीक तरीके से भरने की जानकारी विवि की ओर से दी जानी चाहिए थी। केंद्रों पर भी नहीं बताया गया। इससे ग्रुप दर्ज नहीं कर सके। बता दें कि इस सत्र की अब तक द्वितीय वर्ष की परीक्षा हो जानी चाहिए थी, लेकिन सत्र विलंब होने से प्रथम वर्ष की परीक्षा ही चल रही है। सत्र नियमित करने के उद्देश्य से विवि ने ओएमआर शीट पर परीक्षा लेने का प्रयोग किया था। ऐसे में पेंडिंग परिणाम की स्थिति में विद्यार्थियों को और परेशानी झेलनी पड़ सकती है।

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