BRABU PART 3 RESULT : स्नातक पार्ट 3 की 9000 कॉपियों की जांच में भारी गड़बड़ी, शब्द में लिखे 55-60, अंक में कर दिए 50-62, रिजल्ट जारी करने मे होगी देरी

BRABU TDC- 2018-21 PART 3 RESULT : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के स्नातक पार्ट थर्ड की कॉपियों की जांच में भारी गड़बड़ी हो गई है। कई कॉपियों में गलत जगह पर गोला रंगने से कुल अंक ही बदल गए हैं। दरअसल, गड़वड़ी यह हुई कि शब्द में 55-60 अंक लिखे, जबकि अंक 50-62 कर दिए। अब परीक्षकों की गलती से यूनिवर्सिटी प्रशासन परेशान है, बल्कि हजारों छात्रों का रिजल्ट फंस गया है।

हालांकि, छात्रों को गलत अंक न मिले, इसके लिए कम्प्यूटराइज्ड टेवुलेशन न कर विवि ऐसी कॉपियों का अब मैन्युअल टेक्लेशन कराने पर विचार कर रहा है। विवि अधिकारियों के मुताबिक, स्नातक इससे मार्क्स तो सही कर लिए जाएंगे। लेकिन, जल्द रिजल्ट निकलने की उम्मीद धूमिल हो गई है। थर्ड पार्ट की परीक्षा जनवरी में हुई थी। फरवरी-मार्च में कॉपियों की जांच के बाद कम्प्यूटराइज्ड डीकोडिंग की गई जब मार्क्स स्कैन किए जा रहे थे तब विभिन्न प्रश्नों में मिले अंक और कुल अंक मेल नहीं खाने पर कम्प्यूटर ने करीब 9000 ऐसी कॉपियों को रोड नहीं किया। विवि अधिकारियों ने इसके कारणों की पड़ताल की तो पूरा मामला सामने आया।

लापरवाही : सवा महीने परीक्षकों ने कॉपियों की जांच की, फिर भी सही नहीं कर सके मूल्यांकन

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ऐसे हुई गड़बड़ी… परीक्षकों ने अंकों के गोला को रंगने में गलती की, कम्प्यूटर ने रिजेक्ट कर दिया

यूनिवर्सिटी में अब उत्तर पुस्तिकाएं ओएमआर कवर पेज वाली होती हैं। इसमें हर प्रश्न के आगे अंक दर्ज करने के साथ कुल अंको को गोला में रंगना भी होता है। इसमें हर प्रश्न के अंक और कुल अंक में मेल नहीं खाने पर कम्प्यूटर इसे स्कैन नहीं कर रिजेक्ट कर देता है। परीक्षकों ने कला की कई कॉपियों की जांच के दौरान अंकों के गोला को रंगने में गलती कर दी है। 2018-21 सत्र के थर्ड पार्ट में कुल 80 हजार छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी थी।

आगे क्या होगा… विश्वविद्यालय प्रशासन ऐसी कॉपियों की मैन्युअल जांच कराने की तैयारी में

अब यूनिवर्सिटी प्रशासन ऐसी कॉपियों का मैन्युअल जांच कराने की तैयारी में जुट गया है, ताकि छात्रों को गलत अंक न मिले या रिजल्ट पेंडिंग न हो। रिजल्ट में देरी होने के कारण कई छात्र प्रतियोगी परीक्षा देने से वंचित हो जाएंगे। बीएड में नामांकन के लिए जल्द ही आवेदन की प्रक्रिया शुरू होगी। यदि समय पर रिजल्ट नहीं निकला तो ऐसे छात्रों का करियर प्रभावित होगा। पहले ही कोरोना के कारण समय पर परीक्षा नहीं होने से एक साल सत्र लेट हो चुका है।

रिजल्ट में देरी का असर– बीएड नामांकन के लिए जल्द प्रक्रिया शुरू होगी. पहले ही कोना से

रिजल्ट पेंडिंग नहीं होगा : इसे ठीक करने में थोड़ा वक्त लगेगा रिजल्ट से पहले ही मामला पकड़ में आ गया है। मैन्युअल करेक्शन कर जो सही अंक दिए गए हैं, उतने माक्सं छात्रों को दिए जाएंगे। किसी तरह की असुविधा नहीं होने दी जाएगी। रिजल्ट भी पेंडिंग नहीं होगा। यह सही है कि इसे ठीक करने में थोड़ा वक्त लगेगा। अन्यथा जल्द रिजल्ट जारी कर दिया जाता। -डॉ. रविन्द्र कुमार, प्रति कुलपति, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय

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