बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कॉलेजों में नियुक्त अतिथि शिक्षक दो जगहों से भुगतान पा रहे हैं। इनपर शिकंजा कसेगा। इसकी सूचना मिलने पर उच्च शिक्षा निदेशक की ओर से विवि को पत्र भेजकर जांच का निर्देश दिया गया है। इसमें कहा गया है कि पिछले सत्र में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की गई।
इसमें एलएस कॉलेज में नियुक्त एक अतिथि शिक्षक का 11 महीने से दो जगहों से भुगतान हो रहा है। वहीं, इनकी नियुक्ति विश्वविद्यालय में कर्मचारी के पद पर है।
जानकारी के अनुसार उक्त शिक्षक ने विवि प्रशासन से पढ़ाने की स्वीकृति ली। विवि से अतिथि शिक्षक के रूप में वेतन ले लिया। सवाल यह उठ रहा कि जब विवि में पूरे दिन सेवा दी तो कक्षाओं में कब शामिल हुए। साथ ही इनका भुगतान कैसे कर दिया गया।
उच्च शिक्षा निदेशक ने कहा है कि एक सरकारी पद पर होते हुए कोई भी सरकार के दो विभागों से वेतन नहीं ले सकता। यदि अतिथि शिक्षक ने दो जगहों से वेतन लिया है तो उसे एक जगह हटाने की कार्रवाई के साथ वेतन की राशि भी वसूली जाएगी।
बता दें कि एमडीडीएम कॉलेज के दो कर्मचारियों की नीतीश्वर कॉलेज में अतिथि शिक्षक के रूप में तैनाती है। हालांकि इनके वेतन का भुगतान अटका है। वहीं कई स्कूलों में तैनात शिक्षकों ने भी अतिथि शिक्षक के रूप में योगदान दिया।
साथ ही उनके भी वेतन का भुगतान कराया गया है। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.हनुमान प्रसाद पांडेय ने कहा कि अतिथि शिक्षकों के दो जगहों से भुगतान का मामला संज्ञान में आया है। इसकी जांच कराई जाएगी।
अगर दो जगहों से भुगतान का मामला साबित होता है तो यह अनियमितता है। इसके लिए दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। एक ओर विवि की शैक्षणिक व्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश की जा रही है तो दूसरी ओर इस तरह की हेराफेरी से परेशानी बढ़ने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
उच्च शिक्षा निदेशक की ओर से विवि को पत्र भेजकर जांच का निर्देश दिया गया है। एलएस कॉलेज में नियुक्त एक अतिथि शिक्षक का 11 महीने से दो जगहों से भुगतान हो रहा है। वहीं इनकी नियुक्ति विश्वविद्यालय में कर्मचारी के पद पर है।
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