Chhath Puja 2021: लोक आस्था का महापर्व चार दिवसीय छठ नहाय खाय के साथ सोमवार से शुरू हो गया। आज खरना है। नहाय खाय पर छठ व्रतियों ने गंगा में स्नान कर सूर्य की उपासना की। उसके बाद चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल को बनाकर प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद पूरे परिवार के लोगों ने प्रसाद खाया।
आज खरना के दिन व्रतियां पूरे दिन उपवास कर शाम में मिट्टी के चूल्हे और आम की लकड़ी पर प्रसाद बनाएंगे। प्रसाद ग्रहण करने के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाएगा। बुधवार शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। गुरुवार को उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही महापर्व छठ का समापन होगा।
खरना का समय शाम 5:45 से 6:25 तक
कार्तिक शुक्ल पंचमी को मंगलवार शाम में ‘खरना या लोहंडा है। खरना का समय शाम 5: 45 बजे से 6: 25 बजे के बीच है। व्रतियां खरना का प्रसाद बनाएंगी। उसके बाद परिवार, रिश्तेदार के लोग प्रसाद ग्रहण करेंगे।
Chhath Puja 2021: खरना को लेकर गेहूं सुखाया गया
खरना को लेकर हर घर में पूरे दिन तैयारी चली। गेहूं को धोकर सुखाया गया। इसी गेहूं के आटा से खरना का प्रसाद तैयार होगा। हर घर में छठ के लिए पकवान बनेंगे। गेहूं पिसाई को लेकर शहर के हर इलाके में आटा चक्की वाले ने अपने मिल की साफ-सफाई की तैयारी पूरी कर ली है। सुबह से इन मिलों में सिर्फ खरना प्रसाद वाले गेहूं की पिसाई होगी।
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छठ घाट पर जाने के लिए कम से कम एक टीका अनिवार्य
कोरोना संक्रमण थम जरूर गया है पर पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। छठ महापर्व के अवसर पर घाटों पर होनेवाली भीड़भाड़ को देखते हुए प्रशासन संक्रमण से बचाव के लिए प्रचार-प्रसार करेगा। पुलिस और प्रशासन की कोशिश होगी कि वही श्रद्धालु घाट पर जाएं, जिन्होंने कोरोना से बचाव का एक टीका कम से कम ले लिया हो। पुलिस मुख्यालय ने जिलों को इस बाबत प्रचार-प्रसार करने को कहा है ताकि लोग जागरूक रहें।
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