बिहार यूनिवर्सिटी ने जिन 14 कॉलेजों को पहली बार अस्थायी संबद्धन देने का प्रस्ताव सीनेट की बैठक में पास किया, उसमें से सात कॉलेजों के भवन अधूरे हैं। अधूरे भवन को ही यूनिवर्सिटी की निरीक्षण कमेटी ने पास कर दिया और अस्थायी संबद्धता देने के लिए प्रस्ताव भेज दिया।
सीएम रेणु देवी ने भी इसपर विरोध जताया और कहा
यूनिवर्सिटी का कहना है कि इन कॉलेजों को छह महीने का वक्त दिया गया है। इस अवधि में ये कॉलेज अपने अधूरे भवन और प्रवेश द्वार को पूरा कर लेंगे। यूनिवर्सिटी की सीनेट में भी यह मामला उठा और सदस्यों ने इसका विरोध किया। डिप्टी सीएम रेणु देवी ने भी इसपर विरोध जताया और कहा कि कई बार कॉलेज की जांच गलत निकलती है। इसलिए यूनिवर्सिटी को सोच समझ कर संबद्धन देना चाहिए। सीनेट की बैठक में कई कॉलेजों को अविध विस्तार और स्थायी संबद्धन भी दिया गया है। सात कॉलेजों को विवि ने अवधि विस्तार दिया है। 18 कॉलेजों को स्थायी संबद्धता सत्र 2022-2025 से दी गई।
कॉलेजों में शुरू होंगे पीजी के कोर्स
बिहार यूनिवर्सिटी के कई कॉलेजों में पीजी के कोर्स शुरू होंगे। सीनेट में इसे पास कर दिया गया है। एलएस कॉलेज में सेल्फ फिनांस में चलने वाले कामॅर्स व भूगोल का सत्र 2022-22 से नियमित कर दिया गया है। राम लखन सिंह यादव कॉलेज बेतिया में होम साइंस, भूगोल, संगीत, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्रत्त्, पोलसाइंस, अंग्रेजी, फिजिक्स, रसायन शास्त्रत्त्, बाटनी, जूलाजी, कॉमर्स में पीजी का प्रस्ताव पास किया गया। एसआरकेजी कॉलेज सीतामढ़ी में इतिहास व मनोविज्ञान में , श्रीकृष्ण महिल कॉलेज मोतिहारी में मनोविज्ञान व गृह विज्ञान, रामेश्वर कालेज में कॉमर्स, आरबीबीएम कॉलेज में गृह विज्ञान, मनोविज्ञान, इतिहास व हिन्दी, एलएनडी कॉलेज में इतिहास, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्रत्त्, हिन्दी व भूगोल, एलएस कालेज में अंग्रेजी, भोजपुरी, संस्कृत व कॉमर्स में पीजी के प्रस्ताव को पास किया ।
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