BRABU : बिहार यूनिवर्सिटी के डिस्टेंस से एमफिल कोर्स में एडमिशन लेने वाले दो हजार छात्रों की फीस वापस होगी। राजभवन ने इसका निर्देश बिहार यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को दिया है। राजभवन ने लाइब्रेरी साइंस से एमफिल करने वाले एक छात्र विनीत कुमार की शिकायत पर यह पत्र रजिस्ट्रार को भेजा है।
राजभवन ने कुलसचिव को उचित कार्रवाई करने को कहा
छात्र ने राजभवन शिकायत की थी कि बिहार यूनिवर्सिटी के डिस्टेंस से शुरू होने वाले एमफिल के कोर्स को बाद में रेगुलर मोड में कर दिया गया, इसलिए छात्रों को पुरानी फीस वापस कर देनी चाहिए। इस शिकायत के बाद राजभवन ने कुलसचिव को उचित कार्रवाई करने को कहा है।
छात्रों की आज तक परीक्षा नहीं हुई।
एमफिल के छात्रों से 25 हजार रुपये फीस के तौर पर लिए गए थे। वर्ष 2013 में बिहार विवि के डिस्टेंस में एमफिल का कोर्स शुरू हुआ था। इसके बाद मान्यता नहीं रहने के कारण छात्रों की आज तक परीक्षा नहीं हुई।
यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रो. राम कृष्ण ठाकुर ने बताया
कुछ छात्र इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए। कोर्ट ने छात्रों की परीक्षा कराने का निर्देश दिया। वर्ष 2018 में यूनिवर्सिटी ने एमफिल को रेगुलर मोड में कर दिया, लेकिन परीक्षा अब तक नहीं हुई। बिहार यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रो. राम कृष्ण ठाकुर ने बताया कि मामले में नियम संगत कार्रवाई की जाएगी। राजभवन ने एमफिल के मामले के अलावा 21 बिंदुओं पर कार्रवाई कर यूनिवर्सिटी से रिपोर्ट मांगी है। इसमें नरकटियागंज के टीपी वर्मा कॉलेज में प्रो. वीरेंद्र चौधरी को प्राचार्य बनाकर फिर हटाए जाने के मामले में भी जवाब मांगा गया है।
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