बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी में नई शिक्षा नीति के तहत इंटीग्रेटेड स्नातक कोर्स का खाका अधूरा है। विवि में जनवरी में ही नई शिक्षा नीति लागू करने और इसके संसाधन की समीक्षा के लिए कमेटी बनी थी। इसके बावजूद कमेटी ने एक भी बैठक तीन महीने के अंदर नहीं की। कमेटी को प्रोवीसी की अध्यक्षता में काम करना था।
यूनिवर्सिटी नई शिक्षा नीति पर सिर्फ मौखिक कार्रवाई कर रही है।
प्रोवीसी प्रो. रवींद्र कुमार का कहना है कि उनके पास अबतक कमेटी गठन की कोई अधिसूचना नहीं आयी है। अधिसूचना आने के बाद ही कोई कदम उठाया जा सकता है। जनवरी में हुई सिंडिकेट की बैठक में प्रोवीसी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई थी। कमेटी को जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंप देनी थी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) इसी सत्र से नई शिक्षा नीति लागू करने जा रहा है। इसके लिए उसने कई पत्र भी विश्वविद्यालय को भेजे हैं, लेकिन इसके बाद भी यूनिवर्सिटी नई शिक्षा नीति पर सिर्फ मौखिक कार्रवाई कर रही है।
नई शिक्षा नीति में चार वर्ष का होगा स्नातक कार्यक्रम
नई शिक्षा नीति में स्नातक चार वर्ष का होगा। इसमें भी पीजी की तरह सीबीसीएस सिस्टम लागू किया जाएगा। इसके अलावा स्नातक डिप्लोमा का भी कोर्स शुरू किया जाएगा। बिहार विवि में इन कोर्स को किस तरह शुरू किया जाए और दूसरे कोर्स की क्या संभावनाएं हैं, इसको तय करने के लिए कमेटी गठित की गई थी। नई शिक्षा नीति में कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा पर विशेष जोर दिया गया है। आयोग ने इसके लिए कई राय भी विवि को पत्र लिखकर मांगा है।
यूनिवर्सिटी में नीति इस सत्र से लागू होने पर संशय
बिहार विवि में नई शिक्षा नीति के नियमों के इस सत्र से लागू होने में संशय है। यूनिवर्सिटी सूत्रों ने बताया कि अबतक इस सिलसिले में कोई बैठक नहीं हुई है तो नीति को किस तरह से यूनिवर्सिटी में लागू किया जाएगा, इसका फैसला नये सत्र से कैसे हो सकेगा। विवि प्रशासन अप्रैल से ही नये सत्र में स्नातक पार्ट वन में दाखिला लेने जा रहा है। इसलिए इस वर्ष से नई शिक्षा नीति बिहार विवि में लागू नहीं हो सकेगी।
सिलेबस कमेटी ने भी अबतक नहीं दी रिपोर्ट
नई शिक्षा नीति के अलावा विवि के सिलेबस को अपडेट करने के लिए भी एक कमेटी बनाई गई थी। विवि की एकेडमिक काउंसिल की बैठक में तय किया गया कि यूनिवर्सिटी का सिलेबस काफी पुराना हो चुका है। इसलिए इसमें सुधार होना चाहिए। प्रोवीसी प्रो. रवींद्र कुमार ने बताया कि उन्होंने सभी डीन को इसका जिम्मा दिया था, लेकिन अबतक किसी भी संकाय से सिलेबस पर कोई रिपोर्ट नहीं आयी है।
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