बिहार विवि में गर्मी की छुट्टी में ऑनलाइन क्लास कौन लेंगे, इस पर रार मचा है, ऑनलाइन क्लास पर विवि की तरफ से अब तक तीन पत्र जारी हो चुके हैं. पत्रों के फेर में ऑनलाइन क्लास अभी अटका हुआ है. सबसे पहला पत्र विवि के डीएसडब्ल्यू ने जारी किया जिसमें 31 मई तक हुई गर्मी की छुट्टी में शिक्षकों को ऑनलाइन क्लास लेने को कहा गया इसके बाद नियमित शिक्षकों ने विरोध किया तो रजिस्ट्रार ने एक शुद्धि पत्र जारी किया जिसमें कहा गया कि नियमित शिक्षक चाहें तो ऑनलाइन क्लास लें चाहें तो न लें।
पत्र में अतिथि शिक्षकों के कंधे पर ऑनलाइन क्लास की जिम्मेदारी दी गयी. इन दोनों पत्रों के बाद एक नया पत्र उच्च शिक्षा निदेशक रेखा कुमारी ने जारी कर दिया. उन्होंने कहा कि सिर्फ नियमित शिक्षक की ऑनलाइन क्लास लेंगे. इसके बाद विवि ने बुधवार को फिर से एक पत्र जारी किया जिसमें उच्च शिक्षा निदेशक के निर्देश का हवाला था. पत्रों के इस खेल में छात्रों की कक्षायें अब तक शुरू नहीं हुई हैं।
क्लास लेने के पत्र पर शुरू हुआ बवाल. बिहार विवि के डीएसडब्ल्यू प्रो अभय कुमार सिंह ने भी विभागाध्यक्षों
और प्राचार्यों को पत्र लिखकर शिक्षकों से ऑनलाइन क्लास लेने को कहा था. इस पत्र के बाद कई नियमित शिक्षकों ने विरोध शुरू कर दिया. शिक्षकों के विरोध के बाद रजिस्ट्रार प्रो राम कृष्ण ठाकुर ने नया पत्र जारी करते हुए कहा कि नियमित शिक्षक चाहें तो क्लास लें चाहें तो न लें, इस पत्र के बाद आरबीबीएम कॉलेज के शिक्षकों कहा कि यह आदेश गलत है. अतिथि शिक्षकों की भी गर्मी की छुट्टी होती है.
कई कॉलेज में नहीं हैं नियमित शिक्षक
इस बवाल में बड़ी समस्या शिक्षकों की है. बिहार विवि के कई बड़े कॉलेजों के विभागों में नियमित शिक्षक नहीं है. यह विभाग अतिथि शिक्षकों के भरोसे ही चल रहे हैं. एमडीएडीएम कॉलेज के हिन्दी विभाग को अतिथि शिक्षक ही चला रहे है. वहीं एमपी सिन्हा साइंस कालेज के इतिहास विभाग में नियमित शिक्षक नहीं है. बिहार विवि के अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ ललित किशोर ने कहा कि जिस कॉलेज में नियमित शिक्षक नहीं है, वहां कक्षायें कैसे होंगी, विवि और उच्च शिक्षा निदेशालय को इस बारे में सोचना चाहिए.
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