बिहार यूनिवर्सिटी में स्नातक सत्र 2019-22 का रिजल्ट मजाक बन कर रह गया है। पहले कुछ देर पोर्टल खुलने के बाद अंकों में गड़बड़ी सामने आने के बाद रिजल्ट में सुधार का आदेश देते हुए पहले का रिजल्ट रद्द कर दिया। वहीं, अब रिजल्ट में सुधार के नाम पर भी गड़बड़झाला जारी है। शुक्रवार को एक बार फिर स्नातक के रिजल्ट का लिंक खुला। इस दौरान जितने भी छात्रों को रिजल्ट मिला, वे सभी प्रैक्टिकल में अनुपस्थित थे। प्रैक्टिकल परीक्षा देने वाले छात्रों को भी रिजल्ट में अनुपस्थित कर दिया गया है।
LS और RN कॉलेज समेत विभिन्न कॉलेज के छात्र-छात्राओं का फूटा आक्रोश
72 घंटे से पोर्टल बंद रहने के बाद शुक्रवार को जब एक घंटे के लिए खुला तो रिजल्ट में फिर त्रुटियों की भरमार सामने आयी। हाल यह कि पहले जिस छात्र को कुल 236 अंक मिले थे, उसे सुधार के बाद 238 अंक मिले लेकिन प्रैक्टिकल में अनुपस्थित अंकित कर दिया गया। LS कॉलेज और RN कॉलेज समेत विभिन्न कॉलेज के छात्रों का आक्रोश इसे लेकर सामने आया। छात्रों ने कहा कि प्रैक्टिकल की कॉपियों की फोटो हमारे पास सबूत के तौर मौजूद हैं। उन्होंने परीक्षा के दौरान कॉपी की फोटो खींच कर रख ली थी। छात्रों ने कहा कि जब हमने प्रैक्टिकल परीक्षा दी है तो फिर हम अनुपस्थित कैसे हो सकते हैं।
बिहार यूनिवर्सिटी की एजेंसी के कार्य फिर सवालों के घेरे में
रिजल्ट में बार-बार इस तरह की गड़बड़ी सामने आने पर एजेंसी का कार्य फिर सवालों के घेरे में हैं। यही नहीं, सुधार के बाद भी गड़बड़ी सामने आने पर विवि अधिकारियों पर भी सवाल उठ रहे हैं। छात्रों ने कहा कि आखरिकार रिजल्ट किस तरह बनाया जा रहा है। इससे यही लगता है कि कॉपी भी चेक नहीं किया गया है।
परीक्षा नियत्रंक ने कहा- रिजल्ट में हो रहा रहा सुधार
विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डा. संजय कुमार ने कहा कि प्रैक्टिकल परीक्षा पहले हुई और एडमिट कार्ड बाद में जारी किया। गया। इस वजह से यह तकनीकि परेशानी आयी है। जिन छात्रों की प्रैक्टिकल परीक्षा हुई है, उन सभी का रिजल्ट में चढ़ाया जा रहा है। यूनिवर्सिटी खुलने के साथ इसे जारी किया जाएगा। इसके साथ ही अगले हफ्ते प्रमोटेड छात्रों का भी रिजल्ट जारी किया जाएगा।
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