बीआरए बिहार विवि में स्नातक पार्ट वन में ही तीन सत्र के हजारों परीक्षार्थी होंगे। सत्र अलग-अलग, लेकिन एक साथ ये स्नातक पार्ट वन में अब रहेंगे। विवि के सत्र की लेटलतीफी की मार तीन सत्र के हजारों छात्र-छात्राओं को एक साथ ले आयी है। हाल यह कि जो छात्र अंतिम वर्ष में होते, वे अब भी पहले ही साल में हैं। ऐसे में विभिन्न कॉलेजों के छात्रों ने मांग की है कि स्नातक प्रथम वर्ष के तीन सत्र की संयुक्त परीक्षा कराई जाए।
छात्रों ने कहा कि जो छात्र ग्रेजुएशन अंतिम वर्ष में रहते, वे बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विवि में अभी प्रथम वर्ष में ही हैं। उनके साथ ही दो और सत्र के छात्र-छात्रा आ गए हैं। इस वजह से अपने कैरियर लेकर छात्र काफी परेशान हैं। छात्र ने कहा कि विवि का सत्र पहले से ही पिछड़ा हुआ था। वहीं, वैश्विक महामारी कोरोना के कारण यह और पिछड़ गया है
छात्रों ने कहा कि सत्र लेट होने के कारण स्नातक पार्ट वन में ही तीन सत्र 19-22, 20-23 और 21-24 के विद्यार्थी एक साथ आ गए हैं। भले उनका सत्र अलग हो ।
सत्र 19-22 और 20-23 की प्रथम खंड की परीक्षा हो जानी चाहिए था, लेकिन कोरोना महामारी और विवि के सत्र की अनियमितता के कारण नहीं हो सकी है।
छात्र लोजपा के विवि अध्यक्ष गोल्डेन सिंह और छात्र जदयू नेता रंजन कुमार ने कुलपति और परीक्षा नियंत्रक से मांग की है कि जब कोरोना का प्रकोप कम हो और परीक्षा लेने में विवि सक्षम हो तब बिहार विवि कुछ अलग करके छात्रों को इस परेशानी से बचा सकती है। 21-24 के लिए भी छात्रों का आवेदन लिया जा रहा था। हालांकि, अभी पोर्टल बंद है।
लेकिन, नामांकन के बाद इस सत्र के छात्र भी पहले के दो सत्र के छात्र के साथ आ जाएंगे।
अलग-अलग नहीं ली जाए 2019-22 व 2020-23 सत्र के प्रथम वर्ष की परीक्षा : छात्रों ने मांग की है कि इनके सत्र को यथावत रखा जाए, फॉर्म भी अलग-अलग भरवाया जाए, लेकिन एक ही प्रश्नपत्र और एक ही सेंटर पर संयुक्त परीक्षा ली जाए । इससे दोनों सत्र नियमित हो जाएगा। दोनों का रिजल्ट भी एक साथ आ जाएंगे। रिजल्ट के तुरंत बाद 2019-22 और 20-23 के का पार्ट टू की परीक्षा अलग-अलग लिया जाए। इससे सत्र भी सुधर जाता।
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