RUSA: बिहार यूनिवर्सिटी को राष्ट्रीय उच्च शिक्षा अभियान (रूसा) से मिले एक करोड़ रुपये के खर्च नहीं होने का मामला विधानसभा पहुंच गया है। खजौली विधायक अरुण शंकर प्रसाद ने विधानसभा में इस पर सवाल उठाया है। कहा है कि इस राशि से यूनिवर्सिटी में लेबोरेट्री के सामान खरीदे जाने थे, लेकिन अबतक एक सामान की भी खरीदारी नहीं हुई है।
30 नवंबर से पहले जवाब भेजने को कहा गया
इस राशि के उपयोग की जानकारी मांगी गई है। इसके बाद मामले में राज्य की उच्च शिक्षा निदेशक रेखा कुमारी ने यूनिवर्सिटी से जवाब मांगा है। 30 नवंबर से पहले जवाब भेजने को कहा गया है। 30 नवंबर को सरकार अपना जवाब सौंपेगी।
RUSA: लेबोरेट्री के सामान की खरीद कोरोना के कारण नहीं हो सकी
मामले में यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रो. राम कृष्ण ठाकुर ने बताया कि लेबोरेट्री के सामान की खरीद कोरोना के कारण नहीं हो सकी थी। अब स्थिति सामान्य हुई है तो सामान खरीदने की प्रक्रिया अपनायी जा रही है। उधर, उच्च शिक्षा निदेशालय से पत्र आने बाद शनिवार को दिनभर यूनिवर्सिटी में जवाब भेजने के लिए माथापच्ची होती रही। बिहार यूनिवर्सिटी को वर्ष 2017 में रूसा से 10 करोड़ रुपये मिले थे, लेकिन इसमें से पूरी राशि खर्च नहीं हुई।
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हिसाब नहीं देने के कारण यूनिवर्सिटी को दूसरी किस्त के 10 करोड़ रुपये नहीं मिल सके
विवि ने उच्च शिक्षा निदेशालय को आठ करोड़ रुपये का ही हिसाब दिया है। अभी दो करोड़ रुपये विवि के पास लंबित हैं। पूरी राशि का हिसाब नहीं देने के कारण यूनिवर्सिटी को दूसरी किस्त के 10 करोड़ रुपये नहीं मिल सके हैं। रूसा के पैसों से यूनिवर्सिटी में लेबोरेट्री, भवन और नया गेस्ट हाउस बनाये जाने हैं। गेस्ट हाउस के लिए बिहार शैक्षिक आधारभूत संरचना निगम को काम सौंपा गया है। निगम ने अब तक काम शुरू नहीं किया है।
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