बिहार विवि बिना प्लेसमेंट सेल के चल रहा है। प्लेसमेंट सेल नहीं होने से वोकेशनल कोर्स में दाखिला लेने वाले 11 हजार छात्र नौकरी नहीं मिलती है। इस कोर्स में बीबीए से एमबीए तक शामिल है। वोकेशनल कोर्स में 50 हजार से एक लाख रुपये तक की फीस विवि छात्रों से वसूलता है।
एजेंसी से प्लेसमेंट के लिए एमओयू नहीं किया है
यूजीसी ने विवि को स्पष्ट निर्देश दिया है कि बिना प्लेसमेंट के वोकेशनल कोर्स नहीं खोले जाएं। इसके बाद भी विवि ने किसी कंपनी या एजेंसी से प्लेसमेंट के लिए एमओयू नहीं किया है। हालांकि, विवि ने इसकी घोषणा की थी कि छात्रों की नौकरी के लिए एक एजेंसी विवि में आएगी, जो छात्रों को नौकरी देगी। साथ में उन्हें कम्युनिकेशन स्किल भी सिखाएगी। बिहार विवि के रजिस्ट्रार प्रो. राम कृष्ण ठाकुर का कहना है कि इस दिशा में काम कर रहे हैं। जल्द ही विवि में प्लेसमेंट सेल बन जाएगा।
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बिहार विवि में चलते हैं 16 वोकेशनल कोर्स:
बिहार विवि में 16 तरह के वोकेशनल कोर्स चलाए जाते हैं। इसमें सबसे ज्यादा दाखिला बीबीए और बीसीए में होता है। दोनों की फीस 50 हजार है। इसके अलावा एमसीए की पढ़ाई भी होती है। एमबीए कॉमर्स विभाग से चलता है। इसके अलावा एक संबद्ध कॉलेज से भी एमबीए की पढ़ाई होती है। कॉमर्स विभाग में एमबीए की 90 सीट है। छात्रों को दो वर्ष की पढ़ाई के लिए 86 हजार रुपये देने पड़ते हैं, लेकिन पढ़ाई के बाद नौकरी नहीं मिलती है। कॉमर्स विभाग के अध्यक्ष प्रो. प्रेमानंद ने बताया कि प्लेसमेंट के लिए इस बार निजी कंपनियों से बात करने जा रहे हैं। यहां के कई छात्र अपनी मेहनत के बूते कई जगह बेहतर नौकरी कर रहे हैं।
नहीं भर रही सीट, बढ़ाई जा रही तारीख:
बिहार विवि में वोकेशनल कोर्स में सीटें नहीं भर रही हैं। पिछले दो वर्षों से सीटें भरने के लिए विवि प्रशासन फार्म भरने की तारीख बढ़ा रहा है। इस बार भी आवेदन करने की तारीख छह अगस्त कर दी गई है। बिहार विवि में योगा स्टडीज का भी कोर्स छात्रों को लुभाने के लिए खोला गया, लेकिन इसमें भी सीटें नहीं भरी। एलएस कॉलेज में पिछली बार 100 में 65 दाखिला हुआ। इस बार भी योगा और दूसरे कोर्स में भी सीटें नहीं भरने की बात कालेजों के प्राचार्यों ने विधि से कही है।
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