बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में पीजी – एडमिशन के लिए 17528 छात्रों ने ऑनलाइन आवेदन किया है। लेकिन विवि की ओर से 13 हजार छात्रों के आवेदन के आधार पर मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी। आवेदन में अधिक अंक भरने का खामियाजा करीब साढ़े चार हजार छात्रों को भुगतना होगा। इन छात्रों के आवेदन को अलग कर मेरिट लिस्ट निकलेगी। अधिक अंक भरने वाले छात्रों को एडमिशन का मौका नहीं दिया जाएगा।
विवि की ओर से स्पष्ट किया गया है। कि ऐसे छात्रों पर विचार नहीं होगा। विवि की ओर से 20 जून के बाद मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी। यूएमआईएस कोऑर्डिनेटर डॉ. ललन कुमार झा ने कहा कि पीजी के सत्र 2020-22 के लिए कुल 17528 आवेदन विवि को प्राप्त हुए हैं।
इसमें साढ़े चार हजार ऐसे आवेदन है जिनमें कई तरह की गलतियां हैं। कई छात्रों के आवेदन में स्नातक का जो अंकपत्र अपलोड किया गया और अप्लाई के दौरान खुद से जो अंक भरना था उसमें अंतर पाया गया है। पांच से दस फीसदी अंतर मिला है। छात्रों ने जो खुद से फॉर्म भरा उसमें अंकपत्र की तुलना में अधिक अंक स्नातक में बताया है।
इसके कारण इन छात्रों के आवेदन को अलग किया गया है। ऐसे छात्रों को विवि की ओर से फॉर्म में संशोधन करने का मौका भी दिया गया था, लेकिन सुधार नहीं किया है। इसके अलावा कई छात्रों ने स्ट्रीम भी बदला है। कुछ विषयों में इस तरह की छूट थी। उन्होंने कहा कि 20 जून के बाद पीजी में एडमिशन के लिए मेरिट लिस्ट निकाली जाएगी। जिन विषयों में सीटें बचेंगी उनकी तीन बार तक मेरिट लिस्ट निकाली जाएगी।
पीजी नामांकन
पीजी में एडमिशन के लिए अपलोड अंकपत्र और खुद सेअंक भरने में अंतर एडमिशन के लिए अधिक अंक भरने वाले छात्रों को भुगतना होगा खामियाजा
20जून के बाद विवि की ओर से जारी की जा सकती है मेरिट लिस्ट
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