BRABU PhD Viva: बिहार यूनिवर्सिटी में पीएचडी वाइवा अब ऑनलाइन हो सकेगी। यूजीसी ने इसका निर्देश कुलपति को भेजा है। यूजीसी ने वर्ष 2016 रेगुलेशन का हवाला देते हुए इस बारे में निर्देश जारी किया है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के तहत भी पीएचडी वाइवा कराई जा सकेगी
UGC ने कहा है कि कोरोना के कारण पीएचडी में बाहर से एक्सपर्ट आने से हिचकते हैं। इसलिए यूनिवर्सिटी ऑनलाइन वाइवा भी करा सकता है। यूजीसी ने कहा है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के तहत भी पीएचडी वाइवा कराई जा सकेगी।
यूजीसी ने निर्देश दिया है कि यूनिवर्सिटी इस नये निर्देश का पालन करे
यूनिवर्सिटी पीएचडी वाइवा कराने के लिए गूगल और स्काइप तकनीक का भी इस्तेमाल कर सकेगा। बिहार विवि में इस वर्ष पीएचडी का रेगुलेशन 2016 लागू कर दिया गया है। यूजीसी ने निर्देश दिया है कि यूनिवर्सिटी इस नये निर्देश का पालन करे।
पीजी विभागों में इंटरनेट की सुविधा नहीं
बिहार यूनिवर्सिटी से जुड़े शिक्षकों ने बताया कि कोरोना काल में कई छात्रों की वाइवा रुक गई थी। इसलिए यूजीसी का निर्देश काफी कारगर साबित होगा। हालांकि, पीजी विभागों में इंटरनेट की सुविधा नहीं है। विभागाध्यक्षों ने बताया कि यूनिवर्सिटी प्रशासन अगर पीजी विभागों में इंटरनेट सुविधा मुहैया कराए तो इस तकनीक से पीएचडी वाइवा करा सकेंगे।
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