बिहार यूनिवर्सिटी के शोध छात्र रजिस्ट्रेशन के लिए विभाग और यूनिवर्सिटी का चक्कर लगा रहे हैं. पिछले महीने ही दो चरणों में छह फैकल्टी के शोध प्रस्तावों को पीजीआरसी से स्वीकृति मिली परीक्षा विभाग ने इस हफ्ते रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी. लेकिन तमाम विभागों से शोध छात्रों को यह कह कर लौटाया जा रहा है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि किस अभ्यर्थी के शोध प्रस्ताव को पीजीआरसी का अप्रूवल मिल गया है, हालांकि पीजीआरसी की बैठक में सभी विभागों के अध्यक्ष के साथ ही सभी फैकल्टी के डीन मौजूद थे.
विभाग कह रहे सिनॉप्सिस अप्रूवल की जानकारी नहीं होने की बात
एक-एक शोध प्रस्ताव पर चर्चा के बाद मंजूरी दी गयी या तकनीको समस्या होने पर पेंडिंग में डाला गया. परीक्षा नियंत्रक डॉ संजय कुमार ने बताया कि इस हफ्ते से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. शोध छात्र विभागाध्यक्ष से आवेदन फॉरवर्ड कराकर निर्धारित शुल्क जमा कर परीक्षा विभाग से रजिस्ट्रेशन ले जाए, शनिवार को सभी पोजी विभागों को पत्र भेज दिया जायेगा.
दो दर्जन शोध प्रस्तावों पर गाइड का पेच
पीएचडी के लिए 2016 रंगुलेशन लागू होने के कारण दो दर्जन अभ्यर्थियों की पीएचडी में पेच फंस गया है. जिन अभ्यर्थियों का गाइड संबद्ध कॉलेज के प्राध्यापक को बनाया गया था, उनके सिनॉप्सिस को पेंडिंग में डाल दिया गया है. वहीं आधा दर्जन सिनॉप्सिस को सशर्त स्वीकृति दी गयी है. सबद्ध कॉलेजों के शिक्षकों को गाइड बनाने पर अभी विवि की और से कोई स्पष्ट निर्णय नहीं हो सका है. गणित में सेवानिवृत्त शिक्षक को गाइड बनाने पर संबंधित सिनाप्सिस का पेंडिंग किया गया. भौतिकी में रांची की अभ्यर्थी को बिना कोर्स वर्क किए और संस्थान संस्थान से बगैर छुट्टी स्वीकृत कराये कोर्स वर्क का प्रमाणपत्र देने का मामला आया, तो उसे भी पेंडिंग में डाल दिया गया, वहीं 2009 रेगुलेशन के तहत इनरोल्ड अभ्यर्थियों का निर्णय कुलपति पर छोड़ा गया है
डीआरसी को वापस किये दो दर्जन सिनॉप्सिस
पीजीआरसी ने छह फैकल्टी के करीब दो दर्जन सिनॉप्सिस सब्जेक्ट व टॉपिक मोडिफिकेशन के सुझाव के साथ ही डीआरसी को वापस कर दिये गये हैं. हालांकि अभी तक किसी विभाग से संशोधन कर सिनॉप्सिस परीक्षा विभाग को नहीं भेजा गया है. साइंस के डीन डॉ मनेंद्र कुमार ने बताया कि फिजिक्स के शोध प्रस्तावों के लिए अगले हफ्ते बैठक होगी. संशोधन के बाद उसे परीक्षा विभाग में भेज दिया जायेगा. अन्य विभागों से ही जल्द ही सिनॉप्सिस भेजने की बात कही गयी.
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सोशल साइंस में सबसे अधिक शोधार्थी
पीएचडी 2019 में सबसे अधिक सोशल साइंस फैकल्टी के 161 शोध छात्र है. इसके अलावे मैनेजमेंट के सात, एजुकेशन के 38, साइंस के 86, ह्युमिनिटी के 106 व कॉमर्स के 24 शोध छात्र है. विवि के सेंट्रल लाइब्रेरी स्थित सीनेट हाल में 21 नवंबर को सोशल साइंस, मैनेजमेंट व एजुकेशन के लिए पीजीआरसी की बैठक हुई थी. वहीं 30 नवंबर को साइंस, ह्युमिनिटी व कॉमर्स की बैठक हुई.
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