बिहार यूनिवर्सिटी के 36 कॉलेजों ने किताब खरीद का हिसाब विवि को नहीं दिया है। इसके लिए विवि ने कॉलेजों को रिमाइंडर भेजा है। यूनिवर्सिटी ने इन कॉलेजों से पांच वर्षों में कितनी किताबें खरीदी गयीं, उसका पूरा ब्योरा मांगा है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कॉलेजों को निर्देश दिया है कि अगर हिसाब नहीं दिया गया तो प्राचार्य के वेतन की कटौती की जायेगी।
कॉलेजों से हिसाब आने के बाद लाइब्रेरी कमेटी की बैठक
सेंट्रल लाइब्रेरी के लाइब्रेरियन डॉ. कौशल किशोर चौधरी ने बताया कि सिर्फ छह कॉलेजों ने ही किताब खरीद का हिसाब दिया है। इनमें एमडीडीएम कॉलेज, आरएन कॉलेज हाजीपुर, जीवछ कॉलेज मोतीपुर, एसआरकेपी कॉलेज, समता कॉलेज जनदाहा, आरसी कॉलेज सकरा शामिल हैं। कॉलेजों से हिसाब आने के बाद लाइब्रेरी कमेटी की बैठक होगी।
दाखिले के समय ही प्रति छात्र 50 से 100 रुपये लिये जाते
इसके बाद अब केंद्रीयकृत किताब की खरीद की जायेगी। कॉलेजों में किताब खरीद के पैसे छात्रों से लिये जाते हैं। कॉलेजों में पार्ट वन के दाखिले के समय ही प्रति छात्र 50 से 100 रुपये लिये जाते हैं। इन्हीं पैसों से किताबों की खरीद होती है। विवि को शिकायत मिली थी कि कॉलेज लाइब्रेरी मद का पैसा लेकर उसे दूसरे मद में खर्च कर देते हैं। इसके बाद विवि प्रशासन ने कॉलेजों से किताब खरीद का हिसाब मांगा।
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