बीआरए बिहार विवि के दो वर्ष से फाइलों में घूम रहे वोकेशनल के नामांकन लेने वाले 11 हजार छात्र

बीआरए बिहार विवि के वोकेशनल कोर्सों में नामांकन लेने वाले 11 हजार छात्रों का भविष्य अधर में फंस गया है। बिना मान्यता के नामांकन लेने के कारण इन छात्रों के रजिस्ट्रेशन पर पिछले वर्ष रोक लगा दी। नामांकन के बाद विवि अब इन्हें अपना छात्र नहीं मान रही है। ये छात्र दो साल से विवि की फाइलों में ही घूम रहे हैं। इनकी अब तक एक सेमेस्टर की भी परीक्षा नहीं हुई है, जबकि इन छात्रों ने दाखिले के समय ही फीस जमा करा दी थी।

सरकार का कहना है कि वोकेशनल कोर्स आर्यभट्ट नॉलेज विवि के तहत आते हैं

सरकार ने इन वोकेशनल कोर्सी को मान्यता देने से इनकार कर दिया था। सरकार का कहना है कि वोकेशनल कोर्स आर्यभट्ट नॉलेज विवि के तहत आते हैं। लेकिन, विवि का तर्क है कि जब इतने दिनों से कोर्स चल रहे हैं तो इसे कैसे बंद कर दिया जाए। विवि एक अधिकारी ने बताया कि सारा मामला कन्या उत्थान राशि का है। सरकार ने पहले तय किया था कि कन्या उत्थान की राशि वोकेशनल कोर्सों की छात्राओं को भी दी जाएगी, लेकिन उसके लिए कोर्स और सीटें सरकार से मान्यता प्राप्त होनी चाहिए। विवि में इसी बात पर पेच फंस रहा है।

योगा स्टडीज को ही मान्यताः है बिहार विवि में चल रहे 20 वोकेशनल कोर्सों में से सिर्फ योगा स्टडीज को ही सरकार से मान्यता मिली है। शेष जितने भी बीसीए बीबीए कोर्स चल रहे हैं उन्हें अभी मान्यता नहीं मिली है। मान्यता नहीं होने से अगर कोई छात्रा कन्या उत्थान राशि की मांग करेगी तो उसे इसका लाभ नहीं मिल सकेगा।

भविष्य अधर में

● विवि में 2019 में वोकेशनल कोर्स में हुआ था छात्रों का नामांकन

• बिना मान्यता के दाखिला लेने से रजिस्ट्रेशन पर लगा दी गई रोक

सामान्य कोर्स के 20 हजार छात्र भी अटके हैं

सामान्य कोर्स के 20 हजार छात्रों का भी भविष्य अधर में है। इन छात्रों का दाखिला असंबद्ध कॉलेजों ने लिया था। परीक्षा विभाग ने इन कॉलेजों के नाम अपनी लिस्ट से हटाकर इनके छात्रों के परीक्षा फॉर्म को रद्द कर दिया था। इस छात्रों के भविष्य पर निर्णय लेने के लिए एक कमेटी बनायी गयी थी। पांच महीने के बाद भी इन छात्रों पर विवि ने कोई फैसला नहीं लिया है।

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