बिहार यूनिवर्सिटी के बिना संबद्धता वाले पार्ट 1 के 20 हजार छात्रों के मामले में शिक्षा विभाग से निर्देश लेगा यूनिवर्सिटी

बिहार यूनिवर्सिटी के बिना संबद्धता वाले कॉलेजों के छात्रों सहित बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के स्नातक पार्ट-वन के तमाम छात्रों की परीक्षा पर फैसला नहीं हो सका है। बिहार विश्वविद्यालय बिना संबद्धता वाले करीब 20 हजार छात्रों की परीक्षा सीधे कराने के मूड में नहीं है। इसके लिए शिक्षा विभाग, पटना सहित अन्य विभागों से दिशा-निर्देश लेने पर विचार किया जा रहा है।

इसमें चार से पांच दिन का समय लगेगा। ऐसे में स्नातक पार्ट-वन की परीक्षा अब इस महीने शुरू होने की संभावना नहीं है। यह परीक्षा अब अप्रैल में ही हो सकेगी।

बिहार यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद पाण्डेय की ओर बनाई गई कमेटी के कुछ सदस्यों की राय थी कि दूसरे कॉलेजों से इन छात्रों की परीक्षा दिलाई जाए। इसके लिए फिर से एडमिशन और नये रजिस्ट्रेशन का प्रस्ताव कुछ सदस्यों की ओर से दिया गया।

इस प्रस्ताव पर यह भी सवाल उठा कि फिर से एडमिशन और रजिस्ट्रेशन की राशि कौन देगा। यह मामला पेचीदा होने के कारण इसपर बुधवार को भी सहमति नहीं बन सकी। हालांकि, इस हफ्ते के अंत तक फाइनल रिपोर्ट तैयार होने की बात कही जा रही है।

बिहार यूनिवर्सिटी के सात सदस्यीय कमेटी पिछले करीब तीन सप्ताह से मामले की जांच कर रही है। कॉलेजों से जुड़े तमाम पुराने कागजात और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को देखा गया है। इन छात्रों की परीक्षा पर निर्णय नहीं होने के कारण स्नातक पार्ट-वन के एक लाख सात हजार छात्रों की परीक्षा फंसी है।

यह परीक्षा पिछले साल ही होनी थी। ये छात्र शैक्षणिक सत्र 2019-22 के हैं। इसमें देरी के कारण इस साल होने वाली तीनों पार्ट की परीक्षा भी फंसी है। इस साल की परीक्षा डेढ़ महीने बाद मई से शुरू होने वाली है।

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