नेपाल देश के छात्रों को बिहार यूनिवर्सिटी से Phd करने से रोकने के मामले में बिहार विश्वविद्यालय ने जांच करने की कमेटी का गठित किया है। बिहार यूनिवर्सिटी कुलपति प्रो. हनुमान पाण्डेय के आदेश पर गुरुवार को Dsw डॉ. अभय कुमार और प्रॉक्टर डॉ. अजीत कुमार को जांच करने का ककाम दिया गया।
इस मामले के समाधान का भी निर्देश दिया गया है। click here
इस न्यूज़ को अखबार हिन्दुस्तान ने गुरुवार को सब के सामने उठाया था। चार दिन पहले सिंडिकेट की बैठक में फिजिक्स विषय में आधा दर्जन छात्रों को पीएचडी के लिए कोर्स वर्क करने से रोकने का मामला उठा था।
इन छात्रों ने पीएचडी के लिए एडमिशन कराया था। इनसे विभाग ने फो जमा कराया था। लेकिन, फरवरी के
प्रथम हफ्ते में कोर्स. वर्क ऑफलाइन शुरू होने के बाद नेपाल के छात्रों को रोक दिया गया। जबकि छात्रों ने
नेपाल स्थिति भारतीय दूतावास का पत्र विवि अधिकारियों के सामने पेश किया था।
बता दें कि विवि को ओर से कोर्स वर्क के लिए विवि की ओर से ही छात्रों की सूची विभागों को भेजी गई
थी। इसमें नेपाल के छात्रों का भी नाम शामिल था।
नेपाल के सांसद तक पहुंचा मामला (Phd in bihar)
मीडिया फॉर बॉर्डर हार्मोनी के छात्र प्रकोष्ठ के संयोजक संकेत मिश्रा ने बीरगंज, नेपाल के सांसद व मीडिया
फॉर बॉर्डर हार्मोनी के संरक्षक प्रदीप यादव को पूरे मामले की जानकारी दी है।
छात्र नेता ने उनसे हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। संकेत मिश्रा ने कहा कि सांसद ने छात्रहित को देखते
हुए भारत व बिहार सरकार से अपने स्तर से बात करने का आश्वासन दिया है।
समाधान का निर्देश
• ‘हिन्दुस्तान’ ने मामले को प्रमुखता से उठाया • वीसी ने डीएसडब्ल्यू व प्रॉक्टर को सौंपी जांच Phd in
bihar यूनिवर्सिटी मे phd कोर्स पे बिहार सरकार का पीएचडी के लिए कोर्स वर्क करने से रोकने का मामला उठा था। click here