स्नातक पार्ट-थ्री के छात्रों की GS की परीक्षा इस साल नहीं हो सकेगी , जाने कैसे होगा मार्किंग

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में लगातार दूसरे साल स्नातक पार्ट-थ्री के छात्रों की जीएस (जेनरल स्टडीज) की परीक्षा नहीं हो सकेगी। कोरोना के कारण परीक्षाओं में हो रही देरी पर विवि इसपर विचार कर रहा है। स्थिति सामान्य होने के बाद स्नातक की ऑनर्स व एमआईएल की परीक्षाएं होंगी। इन्हीं नंबरों के आधार पर जीएस की मार्किंग की जाएगी। इस साल विवि पर परीक्षाओं का बोझ पिछली बार से अधिक हो गया है। फिलहाल, विवि प्रशासन को कोरोना की स्थिति के नियंत्रित होने और सरकार के दिशा-निर्देश का इंतजार है।

बता दें कि पिछले साल कोरोना के कारण तमाम परीक्षाओं का आयोजन देरी से हुआ। इस कारण ऑनर्स पेपर की परीक्षा के अलावा एमआईएल की परीक्षा ऑब्जेटिक्व सवालों के साथ ओएमआर शीट पर ली गई। जबकि जीएस की परीक्षा नहीं हुई। पिछले साल विवि पर स्नातक की तीन परीक्षाओं का आयोजन करना था।

इसमें एक परीक्षा नहीं हो सकी। इस बार विवि को पांच परीक्षाओं का आयोजन करना है। इसमें दो पार्ट-वन की परीक्षा, एक-एक पार्ट-टू व थ्री के अलावा एक कंपार्टमेंटल परीक्षा का भी आयोजन होना है। एक परीक्षा के आयोजन में 22 से 25 दिन का समय लगता है। रिजल्ट में कम से कम से इसके तीन गुना समय। बता दें कि जीएस की परीक्षा स्नातक पार्ट-थ्री में देनी होती है। इसमें छात्रों को पास होना अनिवार्य होता है। हालांकि, इसके मार्क्स स्नातक के परसेंटेज में नहीं जोड़े जाते हैं। परीक्षा नियंत्रक डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि पिछली बार जीएस की परीक्षा नहीं हो सकी थी। कोरोना की स्थिति सामान्य होने और परीक्षाओं के लिए सरकार के निर्देश आने के बाद इसको अंतिम रूप दिया जाएगा।

परीक्षा केन्द्रों की बढ़ेगी संख्या :

कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार परीक्षा केन्द्रों की संख्या भी बढ़ेगी। पिछले बार तक 35 केन्द्रों पर परीक्षा होती रही है। इस बार 12 से 15 परीक्षा केन्द्र और बढ़ाये जा सकते हैं। इस पर भी विवि प्रशासन विचार कर रहा है।

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