BRABU: बिहार विश्वविद्यालय में सत्र को नियमित करने और लंबित परीक्षाओं के आयोजन को लेकर ग्रीष्मावकाश का उपयोग किया जाएगा। सत्र को नियमित करने के लिए ग्रीष्मावकाश में भी कक्षाएं लगेंगी।
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के लिए अधिसूचना जारी होने के बाद बिहार विश्वविद्यालय के गलियारे में हो रही चर्चा
राजभवन की ओर से ग्रीष्मावकाश को रद करने पर विचार किया जा रहा है। पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के लिए 20 मई को ग्रीष्मावकाश रद किए जाने की अधिसूचना जारी किए जाने के बाद शनिवार को यहां बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के गलियारे में भी इसकी चर्चा होती रही।
कर्मचारियों और अधिकारियों को अर्जित अवकाश दिया जाएगा
राजभवन ने माना है कि अनियमित सत्र और लंबित परीक्षाओं के लिए छात्र हित को ध्यान में रखते हुए इस समय का उपयोग किया जाना चाहिए। यदि ग्रीष्मावकाश रद किया जाता है तो इसके बदले कर्मचारियों और अधिकारियों को अर्जित अवकाश दिया जाएगा।
सत्र सुधारने का यह बढि़या मौका :
विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो.आरके ठाकुर ने कहा कि सत्र को नियमित करने को लेकर ग्रीष्मावकाश का उपयोग किया जाना चाहिए। इसको लेकर परीक्षा विभाग से समन्वय स्थापित किया जा रहा है। राजभवन से कहा जाएगा कि बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के लिए भी यह आदेश दिया जाए। यदि स्वीकृति मिलती है तो इस अवधि में एकेडमिक कैलेंडर तैयार कर सभी लंबित परीक्षाएं आयोजित करा ली जाएंगी।
बिहार विश्वविद्यालय की ये परीक्षाएं हैं लंबित :
विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर पर 2019-22 के द्वितीय व तृतीय वर्ष, 2020-23 के लिए द्वितीय वर्ष, 2021-24 की प्रथम वर्ष की परीक्षा होनी है। वहीं पीजी की 2019-21 के तृतीय व चतुर्थ सेमेस्टर, सत्र 2020-22 के प्रथम व द्वितीय सेमेस्टर, चार वर्षीय बीएड, दो वर्षीय बीएड, ला, वोकेशनल व अन्य प्रोफेशनल कोर्स की परीक्षाएं लंबित हैं।
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