बिहार यूनिवर्सिटी में वर्ष 2022 में स्नातक के तीन सत्र की पांच परीक्षाएं होंगी. इसमें पार्ट वन और टू की दो-दो और पार्ट थर्ड की एक परीक्षा है. इसके अलावा पीजी का सत्र सीधे एक साल पीछे है, जबकि वोकेशनल और प्रोफेशनल परीक्षाएं भी समय से कराने की चुनौती होगी.
UGC ने जुलाई 2022 तक सत्र नियमित करते हुए अगस्त से नया एकेडमिक सत्र शुरू करने को कहा है. विवि की ओर से परीक्षा के आयोजन से लेकर परिणाम जारी करने तक आठ से नौ महीने का समय लग जाता है. प्रयोग के तौर पर पिछले साल पार्ट वन की परीक्षा ओएमआर शीट पर ली गयी. लेकिन, दो महीने उसका रिजल्ट देने भी लग गया. ऐसे में अगला सेमेस्टर और सत्र समय से शुरू करने को लेकर मुश्किल लग रहा है.
कमेटी तैयार करेगी एकेडमिक कैलेंडर :
अगले सत्र के लिए एकेडमिक कैलेंडर तैयार किया जायेगा. इसको लेकर पूर्व के के पदाधिकारियों और पीजी विभाग के शिक्षकों की एक कमेटी बनायी जायेगी. कैलेंडर में सबकुछ पहले से निर्धारित होगा. नामांकन की प्रक्रिया शुरू करने, कक्षाओं का संचालन रजिस्ट्रेशन
मार्च तक सभी लंबित परीक्षाएं कराने की तैयारी
बिहार यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो हनुमान प्रसा पांडेय का है कि विवि के सत्र को नियमित करने के लिए अब लगातार परीक्षाएं आयोजित की जायेंगी. मार्च 2022 तक सभी पेंडिंग परीक्षाएं करा लेने की तैयारी है. वर्ष 2021 के पार्ट थर्ड की परीक्षा हो चुकी है. अब केवल पार्ट वन और पार्ट टू की परीक्षा करानी है. इसके साथ ही पीजी की परीक्षाएं भी मार्च तक करा लेनी है.
पीजी का सत्र एक साल पीछे वोकेशनल और प्रोफेशनल परीक्षाएं भी लंबित
यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो हनुमान प्रसा पांडेय का है कि विवि के सत्र को नियमित करने के लिए अब लगातार परीक्षाएं आयोजित की जायेंगी. मार्च 2022 तक सभी पेंडिंग परीक्षाएं करा लेने की तैयारी है. वर्ष 2021 के पार्ट थर्ड की परीक्षा हो चुकी है. अब केवल पार्ट वन और पार्ट टू की परीक्षा करानी है. इसके साथ ही पीजी की परीक्षाएं भी मार्च तक करा लेनी है.
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