स्नातक और पीजी के परिणाम में गड़बड़ी पर सिडिकेट में जोरदार हंगामा, यहाँ जाने कौन कौन सी मांगों को ले कर हुआ हंगामा

बिहार यूनिवर्सिटी के केंद्रीय पुस्तकालय सभागार में बुधवार को सिडिकेट की बैठक जोरदार हंगामे के बीच हुई। अध्यक्षता कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद पांडेय ने की। बैठक शुरू होने से पहले तमाम छात्र संगठनों ने कुलपति समेत सिडिकेट सदस्यों का बाहर में घेराव किया।

छात्र-छात्राओं को लगातार परेशान होना पर रहा

बैठक के बीच सदस्यों ने स्नातक और पीजी के परिणाम में हुई गड़बड़ी के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया। सदस्यों ने कहा कि विश्वविद्यालय की ओर से जारी होने वाले तमाम परीक्षा परिणामों में गड़बड़ी हो रही है। छात्र-छात्राओं को लगातार परेशान होना पर रहा है। इससे विश्वविद्यालय की कार्यशैली पर प्रश्न उठ रहा है। अध्यक्ष छात्र कल्याण प्रो.अजीत कुमार ने कहा कि कालेज के प्राचार्य की ओर से सपोर्ट नहीं मिलने के कारण परिणाम में गड़बड़ी हो रही है।

कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद पांडेय ने कहा कि शीघ्र परिणाम सुधार कर दिया जाएगा

वर्तमान में स्नातक के परिणाम में काफी विद्यार्थियों का प्रैक्टिकल का अंक नहीं दिख रहा है। कालेजों को इसकी सूची उपलब्ध कराई गई है। साथ ही इन विद्यार्थियों के प्रैक्टिकल का अंक उपलब्ध कराने को कहा है। कई कालेजों की ओर से अब तक अंक उपलब्ध नहीं कराया गया है। इस कारण परिणाम सुधार करने में परेशानी हो रही है। सिडिकेट सदस्यों ने विश्वविद्यालय में काम करने की एजेंसी को भी घेरा। कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद पांडेय ने कहा कि शीघ्र परिणाम सुधार कर दिया जाएगा।

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सदस्यों ने इससे पूर्व की बैठकों में दिए गए सुझावों पर विश्वविद्यालय की ओर से कार्यवाही नहीं

यूनिवर्सिटी की ओर से यह बैठक 10 जनवरी को आयोजित होने वाले सीनेट को लेकर बुलाई गई थी। छात्र संगठन और डिग्री कालेज के शिक्षकों के प्रदर्शन के कारण करीब एक घंटे विलंब से बैठक शुरू हुई। विरोध के बीच इसमें नए सत्र के लिए 56 कालेजों के नव संबंधन व अस्थायी संबंधन के प्रस्ताव को सशर्त मंजूरी दी गई। सदस्यों ने इससे पूर्व की बैठकों में दिए गए सुझावों पर विश्वविद्यालय की ओर से कार्यवाही नहीं करने पर नाराजगी जताई। बैठक में प्रति कुलपति प्रो. रवींद्र कुमार सिंह, कुलसचिव डा.आरके ठाकुर, डा. शिवानंद सिंह, प्रो.रेवती रमण, डा.सतीश कुमार राय, डा. नरेंद्र कुमार सिंह, डा. हरेंद्र कुमार, डा.धनंजय कुमार सिंह आदि मौजूद थे।

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आधा दर्जन कालेजों के जमीन को लेकर भी सदस्यों ने सवाल उठाया

अस्थायी संबंधन को लेकर बैठक में रखे गए प्रस्ताव पर भी सदस्यों ने आपत्ति जताई। सदस्यों ने कहा कि कई कालेज मानकों पर खरे नहीं उतर रहे हैं, ऐसे में उन्हें संबंधन देना उचित नहीं है। आधा दर्जन कालेजों के जमीन को लेकर भी सदस्यों ने सवाल उठाया। इस पर पदाधिकारियों ने कहा कि जो कालेज मानक को पूरा नहीं कर रहे उनकी फिर से जांच करा ली जाएगी। इस दौरान 10 ईवनिग कालेजों के प्रस्ताव को भी सिडिकेट से मंजूरी दे दी गई ।

एजेंसी पर प्रतिमाह खर्च की जा रहे लाखों रुपये पर भी सदस्यों ने सवाल उठाया

विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी नेम वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट मेमोरेंडम के साथ रखा। इसे स्वीकृति दे दी गई। बताया गया कि इस वित्तीय वर्ष का बजट 1070.91 करोड़ का है। वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में 13.26 करोड़ घाटे का है। बैठक में सुरक्षा एजेंसी पर प्रतिमाह खर्च की जा रहे लाखों रुपये पर भी सदस्यों ने सवाल उठाया। इस पर कुलपति ने कहा कि एक कमेटी का गठन किया जा रहा है। यह देखेगी कि विश्वविद्यालय में कितने सुरक्षाकर्मियों की जरूरत है।

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