BIHAR UNIVERSITY : राज्य के विश्वविद्यालयों में छह महीने से लेकर दो साल तक सत्र विलंब चल रहा है। वर्तमान में कोई ऐसा विश्वविद्यालय नहीं जिसका सत्र विलंब नहीं हो। डिग्री प्राप्त करने के लिए छह महीने तक इंतजार करना पड़ रहा है। इसका बड़ा कारण कई विश्वविद्यालयों में स्थायी कुलपति का नहीं होना है।
कुलपति डिग्री पर हस्ताक्षर करने से भी बच रहे हैं
डिग्री पर हस्ताक्षर करना अस्थायी कुलपति की प्राथमिकता में नहीं है। इसके अलावा अभी कई विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार की जांच चल रही है। इस बीच कुलपति डिग्री पर हस्ताक्षर करने से भी बच रहे हैं। विश्वविद्यालय में समय पर दीक्षांत समारोह भी नहीं हो रहे हैं। कुछ कोविड को इसका एक कारण मानते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के बाद छात्रों को डिग्री निकलवाने में पापड़ बेलने पड़ रहे हैं। सरकारी और बड़ी कंपनियों की नौकरियों में मूल प्रमाण पत्र मांगे जाते हैं।
985 कॉलेजों में 1.73 करोड़ छात्र:
बिहार के सरकारी नियमित विश्वविद्यालयों में कॉलेजों की संख्या 985 है। वीकेएसयू आरा में 83, जेपी छपरा में 48, दरभंगा संस्कृत विवि में 61, पूर्णिया यूनिवर्सिटी में 44, एकेयू में 142, पटना विवि में 10, अरबी फारसी यूनिवर्सिटी में 44, टीएमबीयू भागलपुर में 36, एलएनएमयू में 110, मुंगेर में 36, मगध यूनिवर्सिटी में 103, पाटलिपुत्रा विवि में 108, बीएन मंडल में 37, आंबेडकर विवि में 123 कॉलेज संबद्ध हैं।
सत्र 2019-20 में राज्य के कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में कुल नामांकन एक करोड़ 73 लाख 843 था
मगध यूनिवर्सिटी में डिग्री की स्थिति बहुत खराब है। सुधार करने में समय लगेगा। पाटलिपुत्र विवि के सत्र को नियमित करने का प्रयास किया जा रहा है। इसका शिड्यूल जारी कर दिया जाएगा। – प्रो. आरके सिंह, कुलपति, पीपीयू व मगध यूनिवर्सिटी.
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भागलपुर यूनिवर्सिटी : दो साल से सत्र विलंब
भागलपुर तिलकामांझी विवि का सत्र करीब दो साल विलंब चल रहा है। वर्ष 2018-21 की स्नातक की फाइनल परीक्षा अभी कुछ दिन पहले हुई है। 2019-22 की पार्ट वन की परीक्षा हो सकी है। वहीं सत्र 2020-23 की परीक्षा नहीं हुई। पीजी सत्र 2021-23 में नामांकन नहीं हो सका है।
बिहार यूनिवर्सिटी : कई सत्रों की परीक्षा नहीं
बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी मुजफ्फरपुर के सत्र 2020-23 की कोई परीक्षा नहीं हुई है। सत्र 2019-22 का पार्ट वन रिजल्ट आया है।पार्ट टू व पार्ट थ्री की परीक्षा नहीं हो सकी है। वहीं पीजी सत्र 2019-21 पहले सेमेस्टर का रिजल्ट आ गया है। सत्र 2018-20 फोर्थ सेमेस्टर की परीक्षा हो रही है। BIHAR UNIVERSITY
वीकेएसयू की स्थिति और खराब
वीरकुंवर सिंह यूनिवर्सिटी, आरा का सत्र 2018-21 यूजी पार्ट थर्ड नहीं हुआ है। सत्र 2019-22 पार्ट टू नहीं और 2020-23 परीक्षा फॉर्म भराया जा रहा है। पीजी 2020-22 नामांकन चल रहा है। यूजी का एक साल व पीजी का पौने दो साल सत्र पीछे है।
क्या है परेशानी
पटना यूनिवर्सिटी और मौलाना मजहरुल हक अरबी फारसी विवि का सत्र छह माह विलंब है। कोरोना से परेशानी हुई है। समय रहते सत्र ठीक कर लिया जाएगा। – प्रो. गिरीश कुमारचौधरी, कुलपति, पीयू
● विश्वविद्यालय में समय पर नहीं होती है कुलपति की नियुक्ति
● कुलपति नियुक्ति विवाद की वजह से परीक्षा में होता है विलंब
● पिछले कई सालों से ALL BIHAR UNIVERSITY में सत्र नहीं हो सका है नियमित
● अस्थायी कुलपतियों की प्राथमिकता में नहीं होती है परीक्षा
● नए कुलपतियों को सिस्टम समझने में गुजर जाता है छह महीना
● छात्रों को समय पर डिग्री नहीं मिलने से नौकरी नहीं मिल रही
● स्नातक के छात्र पीजी में दूसरे विश्वविद्यालय में नामांकन से वंचित
● सत्र विलंब होने से छात्रों का होता है पलायन
● मेडिकल व इंजीनियरिंग के अलावा बीए, बीएससी व बीकॉम के लिए जाते हैं बाहर
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