The First Woman Dg Of Cisf Neena Singh : दरभंगा जिले के घनश्यामपुर ब्लॉक के घनुन गांव की रहने वाली नीना सिंह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की पहली महिला महानिदेशक बन गई हैं।
पहली महिला सीआईएसएफ प्रमुख बनकर इतिहास रचने वाली नीना सिंह को मणिपुर कैडर अधिकारी के रूप में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में शामिल किया गया है। बाद में वह राजस्थान कैडर में चली गईं।
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नीना सिंह 1989 से आईपीएस अधिकारी हैं :
1989 बैच की आईपीएस अधिकारी नीना सिंह इस साल 31 अगस्त को शीलवर्धन सिंह के सेवानिवृत्त होने के बाद से सीआईएसएफ की कार्यवाहक महानिदेशक के रूप में कार्यरत हैं।
कार्मिक मंत्रालय के एक आदेश में कहा गया है कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने 31 जुलाई, 2024 तक सीआईएसएफ के महानिदेशक के रूप में नीना सिंह की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है, जो उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख है।
गांव में खुशी का माहौल :
मेधा की खान मिथिला की धरती पर नारी शक्ति के नाम एक और कहानी दर्ज है। नीना सिंह दरभंगा जिले के बिरौला इलाके के घनश्यामपुरा थाने के गनौन की रहने वाली हैं. इस खबर से गांव समेत पूरे क्षेत्र में खुशी है। क्षेत्रवासी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। लोग अपनी ख़ुशी सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से व्यक्त करते हैं।
इतिहास में पहली महिला सीईओ :
केंद्र सरकार ने गुरुवार को कई कठोर आईबी अधिकारियों को तीन अर्धसैनिक बलों के नए प्रमुख के रूप में नियुक्त किया। सबसे बड़ा बदलाव केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) में हुआ है।
सीआईएसएफ के 54 साल के इतिहास में पहली बार किसी महिला अधिकारी नीना सिंह को सीआईएसएफ की कमान सौंपी गई है।
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नीना 31 जुलाई, 2024 को सेवानिवृत्त होंगी :
1969 में बनाई गई सीआईएसएफ की कमान अब तक केवल पुरुष अधिकारियों के पास ही रही है। नीना सिंह 2021 में CISF में शामिल हुईं। रिटायरमेंट से पहले उन्हें काफी जिम्मेदारी दी गई थी. नीना 31 जुलाई, 2024 को सेवानिवृत्त होंगी। इससे ग्रामीणों में उत्साह है।
नीना का बचपन गाँव में बीता :
मृतक गौड़ाबौराम और घनश्यामपुर प्रखंड के सीमावर्ती क्षेत्र गनौन का रहने वाला है. गणेश लाल दास की बेटी नीना दास का बचपन गाँव में बीता। जब पिता की नियुक्ति पूर्णिया में प्रशासनिक अधिकारी के रूप में हो गयी तो परिवार वहीं रहने लगा। मेरी बचपन की पढ़ाई भी पूर्णिया में हुई।
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उसकी चाची रेनू देवी बताती हैं कि छह भाई-बहनों में सबसे बड़ी नीना बचपन से ही होशियार थी. आगे की ट्रेनिंग पटना में हुई. रिटायर होने के बाद उनके पिता ने वहीं अपना घर बनाया. पटना वीमेंस कॉलेज से पढ़ाई के बाद उन्होंने दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी और अमेरिकी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की।
नीना ने एक रिसर्च पेपर भी लिखा :
नीना सिंह ने नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी और एस्थर डुफ्लो के साथ दो शोध पत्रों का सह-लेखन भी किया है। उन्होंने केंद्र सरकार के लिए भी काम किया। उन्होंने पटना के अपने बैचमेट आईपीएस रोहित सिंह से शादी की। गांव निवासी पंकज कुमार दास ने बताया कि चार साल पहले जब वह गांव आयी थी तो गांव पुलिस छावनी बन गया था।
वहीं, विजय नंदन दास कहते हैं कि सुदूर ग्रामीण इलाके से एक गांव की बेटी का भारतीय प्रशासनिक सेवा के शीर्ष पद तक का सफर नई पीढ़ी के लिए एक मिसाल बन गया है।
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