कोरोना की तीसरी लहर की दहशत के बीच बिहार में सोमवार को 10वीं से ऊपर के स्कूल-कॉलेज आज से खुल रहे हैं। राज्य के सरकारी विद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ ही निजी विद्यालय, मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेज, सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों और उच्च शिक्षा संस्थान भी खुल जाएंगे।
गेट पर हर छात्र की थर्मल स्क्रीनिंग की विशेष व्यवस्था की जाएगी। विश्वविद्यालय, कॉलेज, तकनीकी शिक्षण संस्थान और 11-12वीं तक के स्कूल 50% उपस्थिति के साथ खोले जाएंगे। 10वीं से नीचे के स्कूल-कोचिंग को अभी नहीं खोला जाएगा, इसे लेकर भी सख्त चेतावनी दी गई है।
50% से अधिक नहीं होगी स्टूडेंटस की संख्या
स्कूल-कॉलेजों को खोलने के लिए सरकार का निर्देश है कि किसी भी दिन क्लास में 50 प्रतिशत से अधिक अटेंडेंस न हो। क्लास में 6 फीट की दूरी को चिह्नित किया जाए, जिस पर बच्चे बैठें। इसके अलावा बसों में सैनिटाइजेशन की व्यवस्था, हैंड सैनिटाइजर का भी ध्यान रखना होगा । स्कूल-कॉलेज में दरवाजे की कुंडी, डैशबोर्ड, डस्टर, बेंच-डेस्क की निरंतर सफाई और सैनिटाइजेशन किया जाएगा।
मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखा जाए । निर्धारित मानक का पालन करते हुए राज्य के सरकारी विद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ ही निजी विद्यालयों, इंजीनियरिंग कॉलेज, सभी सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों और उच्च शिक्षा संस्थान भी सोमवार से खुल जाएंगे।
प्राथमिकता में ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था ऑनलाइन माध्यम से शिक्षण की व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाएगी साथ ही शैक्षणिक संस्थान के वयस्क छात्र- छात्राओं, शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मियों को कोविड-19 का टीका लेने का डेटा भी सोमवार को तैयार किया जाए। हालांकि इस दौरान स्कूल और यूनिवर्सिटी में किसी भी तरह की परीक्षाएं नहीं ली जाएंगी।
थर्मल स्क्रीनिंग के साथ सैनिटाइजेशन पर जोर
शिक्षण संस्थान, विद्यालय कैंपस, कक्षाओं के फर्नीचर, स्टेशनरी, लाइब्रेरी, प्रयोगशाला आदि की सफाई और सैनिटाइजेशन नियमित कराई जाएगी। डिजिटल थर्मामीटर, सैनिटाइजर, साबुन आदि की व्यवस्था की गई है। संस्थान या विद्यालय में परिवहन व्यवस्था शुरु किए जाने के पहले सैनिटाइजेशन सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान देना होगा।
ऐसे होगी स्टूडेंट्स की सीटिंग
स्टूडेंट्स के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी के साथ बैठने की व्यवस्था की जाए। यदि संस्थान या विद्यालय मे एक सीट का बेंच-डेस्क हो तो इसे भी 6 फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था की जाए।
शिक्षक के स्टाफ रूम में या गेस्ट रूम में भी 6 फीट की दूरी पर बैठक कने की व्यवस्था चिन्हित की जाए ।
स्कूल कॉलेजों के लिए यह है, किसी भी कार्य दिवस पर किसी भी कक्षा में कुल क्षमता का 50 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति नहीं होगी।
जहां नामांकन अधिक हो को दो पाली में संचालित किया जाए और प्रत्येक शिफ्ट के समय को परिस्थिति अनुकूल कम किया जा सकता है।
शैक्षणिक संस्थान या विद्यालय को वैसे आयोजन से बचना चाहिए, जहां भौतिक या सामाजिक दूरी का पालन करना संभव नहीं हो ।
समारोह त्योहार आदि के आयोजन से संस्थान या विद्यालय को बचना चाहिए ।
• नए कक्षा में नामांकन के समय केवल परिवार या अभिभावक को ही रखा जाए, बच्चों को अभिभावक के साथ आने से मुक्त रखा जाए।
संभव हो तो ऑनलाइन नामांकन संचालन की व्यवस्था की जाए।
शिक्षक व छात्रों की नियमित स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था की जाए।
बीमारी संबंधी छुट्टी की नीति को लचीला बनाई जाए और ऐसे आवेदन पर उन्हें घर में रहने की अनुमति दी जाए।
अधिकतम उपस्थिति के लिए पुरस्कार या मानदेय को हतोत्साहित किया जाए।
विद्यालय खुलने के पूर्व विद्यार्थियों को पुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
स्कूल-कॉलेज खोलने के बाद की तैयारी
• संस्थान या विद्यालय की सफाई अभियान में विद्यालयों को नहीं लगाया जाए।
• छूट जाने वाले तल जैसे दरवाजे की कुंडी, डैशबोर्ड, डस्टर, बेंच-डेस्क आदि की निरंतर सफाई और सैनिटाइजेशन की जाए।
• साफ पीने के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही विद्यार्थियों को घर से पानी बोतल लाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
• बाहरी वेंडर को शैक्षणिक संस्थान या विद्यालय में कुछ बेचने पर रोक लगायी जाए।
स्टूडेंट की सुरक्षा के लिए व्यवस्था
बसों को प्रतिदिन दो बार सैनिटाइज किया जाए बसों पर चढ़ते समय बच्चों का थर्मल स्क्रीनिंग की जाए बिना मास्क के किसी को भी बस में बैठने की अनुमति नहीं जाए। बस की सभी खिड़कियों में पर्दा नहीं रखा जाए। सभी खिड़कियां खुली रहें।
बस में हैंड सैनिटाइजेशन की व्यवस्था होनी चाहिए ।
जहां नामांकन अधिक वहां दो पाली में पढ़ाई प्रत्येक कक्षा में छात्रों की कुल क्षमता का 50 प्रतिशत उपस्थिति प्रथम दिन रहे तथा शेष 50 प्रतिशत की उपस्थिति दूसरे दिन रहे। वैसे संस्थान जिसमें नामांकन अधिक है वहां दो पाली में पढ़ाई होगी। इसके लिए प्रत्येक शिफ्ट के समय को कम किया जा सकता है।
शैक्षणिक संस्थानों में एसेंबली कक्षा शिक्षक के दिशा-निर्देश में विद्यार्थी के कक्षा में ही अलग-अलग किया जाय। यदि संभव हो अभिभावक-शिक्षक बैठक वर्चुअल माध्यम से किया जाए । शैक्षणिक संस्थान छात्रों को लाने एवं घर छोड़ने से पूर्व दो बार वाहन को सैनिटाइज करेंगे। बिना मास्क के किसी को भी बस में बैठने नहीं देंगे।
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