RRB Group D , NTPC : रेलवे ग्रुप डी भर्ती में दो सीबीटी और एनटीपीसी रिजल्ट प्रक्रिया को लेकर इस सप्ताह बड़ा फैसला आ सकता है। एनटीपीसी और ग्रुप डी भर्ती परीक्षाओं पर रोक लगाने के बाद आरआरबी ने आक्रोशित अभ्यर्थियों की आपत्तियों पर विचार करने के लिए पांच सदस्यीय उच्च अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया था। इस समिति को 4 मार्च तक अपनी रिपोर्ट पेश करनी है। इस समिति की सिफारिश के आधार रेलवे भर्ती बोर्ड ग्रुप डी में दो चरणों व एनटीपीसी रिजल्ट पैटर्न पर फैसला लेगा।
रेलवे भर्ती बोर्ड समिति ने फरवरी माह में नाराज अभ्यर्थियों की सभी शिकायतों को सुना। आरआरबी की टीमों ने विभिन्न रेलवे जोनों में पहुंचकर अभ्यर्थियों की शंकाओं का समाधान किया व सुझाव सुनें। अभ्यर्थियों ने ईमेल से भी भारी संख्या में अपनी आपत्तियां, सुझाव दर्ज कराए हैं।
अभ्यर्थियों द्वारा जताई गई कुछ प्रमुख आपत्तियां
1. असफल अभ्यर्थियों ने एनटीपीसी रिजल्ट पर यह कहते हुए आपत्ति जताई है कि सात लाख उम्मीदवारों की बजाय सात लाख रोल नंबरों का चयन क्यों किया गया है। पहले एक पद के लिए 10 प्रत्याशी, अब 10 पद के लिए एक प्रत्याशी है। काफी उम्मीदवारों का चयन एक से पदों के लिए किया गया है।
2. ग्रुप डी की कंप्यूटर आधारित परीक्षा को दो चरण पर लिए जाने पर आपत्ति जतायी गई। अभ्यर्थियों ने कहा कि तीन साल बाद परीक्षा हो रही है। इतने लंबे समय बाद दो चरणों की सूचना देना गलत है। इससे भर्ती प्रक्रिया में और देरी होगी।
3. इसके अलावा ग्रुप डी में सभी अभ्यर्थियों के लिए आंखों की मेडिकल जांच अनिवार्य किए जाने पर भी सवाल उठाए गए हैं।
4, रेलवे एनटीपीसी और ग्रुप डी भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों ने रेलवे भर्ती बोर्ड ( आरआरबी ) के अधिकारियों को बैंक की तरह केंद्रीयकृत परीक्षा (एक परीक्षा) और रिजल्ट की प्रक्रिया अपनाने की सलाह दी है। अभ्यर्थियों का कहना है कि आईबीपीएस भी सभी बैंकों की परीक्षा केंद्रीयकृत तरीके से लेता है। इसका रिजल्ट भी केंद्रीयकृत तरीके से जारी किया जाता है। जिस बैंक में जितनी वैकेंसी होती है। उसी अनुसार मेरिट के आधार पर कॉल करती है। श्रेणीवार मेरिट जारी करके सीटों को भरा जाता है। यह प्रक्रिया नियमित तौर पर चलती है। आईबीपीएस वेटिंग लिस्ट भी जारी करती है। इसके अनुसार रिक्तियां भर्ती है।
5. अभ्यर्थियों का कहना है कि रेलवे का एसएससी, आईबीपीएस और यूपीएससी की तरह अपना कैलेंडर होना चाहिए। ऐसा करने पर विवाद की आशंका नहीं रहेगी।
6. ईडब्ल्यूएस वर्ग के छात्र ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट से जुड़े मामले भी बोर्ड के समक्ष उठा रहे हैं। जब विज्ञापन 2019 में निकाला गया था, उसी समय का ईडब्ल्यूएस का सर्टिफिकेट मांगा जा रहा है। जब नया नियम बना था, उस वक्त सर्टिफिकेट बनने में समस्या हो रही है। छात्रों ने आवेदन करते वक्त ईडब्ल्यूएस भर दिया था पर नियुक्ति के वक्त उस समय का सर्टिफिकेट नहीं रहने पर अभ्यर्थियों को हटा दिया जाएगा। इस मसले पर कई छात्रों को छूट देने का आवेदन दिया है।
7. रेलवे ग्रुप डी सीबीटी-1 में प्रदर्शन के आधार पर पीईटी पास 1.05 गुना (कुल वैकेंसी का) उम्मीदवारों को ही डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुलाया जाएगा, वैकेंसी जितने नहीं।
8. आरआरबी एनटीपीसी की परीक्षा में छात्रों को आरक्षण का लाभ सिर्फ एक ही बार दिया जा रहा है। इस मसले को ओबीसी के छात्रों ने उठाया है। वैसे छात्र जिनका चयन सीबीटी-1 में ओबीसी मेरिट में हुआ है। उनका चयन सीबीटी -2 की परीक्षा में अगर बेहतर अंक भी लाते हैं तो उनका चयन यूआर में नहीं होगा। इस मसले पर दोनों चेयरमैन ने बताया कि नियम यही है। आरक्षण का लाभ एक ही बार मिलता है। बोर्ड अंतिम फैसला करेगी।
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