बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के पीजी विभागों और कॉलेजों में पीजी में सत्र 2020-22 में दाखिला के लिए अब मौका नहीं मिलेगा। विश्वविद्यालय की ओर से छात्रों को आवेदन के लिए कई बार मौका देने के बाद पोर्टल को बंद कर दिया गया है। Portal will no longer open for PG graduate students another chance
अबतक विवि की ओर से निर्धारित 5350 सीटों के लिए करीब साढ़े पंद्रह हजार छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है। कई विषयों में तो सीट से 10 गुणा अधिक आवेदन आए हैं। वहीं कई विषयों में आवेदन का सिर्फ खाता खुला है। खासकर भाषा के विषयों और सैद्धांतिक विषयों के प्रति छात्रों की रुचि नहीं दिख रही है। वहीं इतिहास, कॉमर्स मनोविज्ञान, जूलॉजी, गणित, भूगोल और राजनीति विज्ञान में आवेदकों की संख्या सबसे अधिक है।
वहीं पर्सियन, मैथिली, बांग्ला, दर्शनशास्त्र, संस्कृत, एआइएच एंड सी, म्यूजिक इलेक्ट्रॉनिक्स, उर्दू, समाजशास्त्र, बॉटनी और रसायनशास्त्र जैसे विषयों में आवेदकों ने रुचि नहीं दिखाई है। इस कारण इन विषयों में सीट खाली रह जाएंगे। पिछले वर्ष भी इन विषयों में निर्धारित सीट से 90 फीसद खाली रह गए थे स्थिति ठीक होते ही नामांकन के लिए मेधा सूची जारी कर छात्रों को कॉलेज आवंटित किया जाएगा।
यदि छात्र पहली सूची में आवंटित कॉलेज में नामांकन नहीं लेते हैं तो उन्हें दूसरी सूची में नामांकन से वंचित होना पड़ेगा। अर्थात उन्हें कॉलेज बदलने का मौका नहीं मिलेगा। बता दें कि पीजी में इस वर्ष भी सीट से तीन गुना अधिक छात्रों ने आवेदन किया है, लेकिन इसबार पिछले वर्ष से करीब पांच हजार कम छात्रों ने आवेदन किया है। वहीं स्नातक में नामांकन के लिए विश्वविद्यालय की ओर से छात्रों को एक और मौका दिया जाएगा। विवि की ओर से निर्धारित करीब डेढ़ लाख सीटों के लिए 1.05 लाख ही आवेदन आए हैं।
Portal will no longer open for PG graduate students another chance
कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद पांडेय ने बताया कि विवि की ओर से 40 कॉलेजों को इसी सत्र से स्नातक में दाखिले की मंजूरी दी गई है। हालांकि, सरकार की ओर से अबतक उसे स्वीकृति नहीं मिल सकी है। यदि सरकार से उन कॉलेजों को नामांकन की स्वीकृति मिल जाती है तो उन्हें भी छात्र विकल्प के रूप में चुनकर नामांकन ले सकते हैं।
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