उत्तर बिहार के छात्र-छात्राओं को अब स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिए दूसरे विश्वविद्यालयों में नहीं जाना पड़ेगा. बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के सभी अंगीभूत और राजकीय महाविद्यालयों में पीजी स्तर की पढ़ाई शुरू होगी. इसके लिए राज्य सरकार की ओर से अनुमति मिल गयी है.
30 छात्र पर एक शिक्षक की उपलब्धता
सरकार की ओर से कहा गया है कि स्नातक स्तर पर कला, विज्ञान व वाणिज्य वर्ग की पढ़ाई जिन कॉलेजों में होती है, वहां 30 छात्र पर एक शिक्षक की उपलब्धता होने पर संबंधित विषय में स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू की जा सकती हैं. सरकार के उप सचिव अरशद फिरोज के सभी विश्वविद्यालयों को स्नातकोत्तर स्तर का पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए सरकार की पॉलिसी से अवगत कराया है.
स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू
कुलसचिव को भेजे पत्र में कहा गया है कि स्नातक स्तर पर संचालित पाठ्यक्रम में 30 छात्र पर एक शिक्षक की उपलब्धता होने पर स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू की जा सकती है. इसके लिए विश्वविद्यालय के सक्षम प्राधिकार की अनुशंसा पर सरकार की ओर से स्वीकृति दी जायेगी. साथ ही सरकार के स्तर पर विश्वविद्यालय की अनुशंसा के आलोक में सभी विषयों के लिए पद स्वीकृति की प्रक्रिया शुरू होगी.
एक लाख छात्र करते हैं स्नातक, पीजी में 6350 सीट
मुजफ्फरपुर सहित वैशाली, शिवहर, सीतामढ़ी, मोतिहारी व बेतिया में विश्वविद्यालय के 39 अंगीभूत व तीन गवर्मेंट डिग्री कॉलेज है. इसके अलावा संबद्ध कॉलेज भी है. दो साल में 40 से अधिक नये संबद्ध कॉलेज भी खुले हैं. इससे स्नातक के सीट बढ़ रहे हैं. इस साल वर्तमान सत्र में 1.50 लाख से अधिक सीट है. हर साल एक लाख से ज्यादा छात्र स्नातक की पढ़ाई पूरी करते हैं. लेकिन, पीजी के लिए विभाग सहित कुछ कॉलेजों में ही सुविधा है. कुल 6350 सीटों पर पीजी में एडमिशन लिया जाता है.
कॉलेज को कोर्स शुरू करने से पहले पूरा करना होगा मानक
सरकारी व अंगीभूत कॉलेजों में स्नातकोत्तर स्तर का पाठ्यक्रम शुरू करने के संबंध में पत्र मिला है. कॉलेजों से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी जायेगी. विश्वविद्यालय के सक्षम प्राधिकार की अनुशंसा के बाद पाठ्यक्रम शुरू करने और पद स्वीकृति के लिए सरकार को पत्र भेजा जायेगा. (डॉ प्रमोद कुमार, इसपेक्टर ऑफ कॉलेज)
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