पीजी सेकेंड सेमेस्टर का रिजल्ट निकलने में अभी एक हफ्ते से अधिक समय लगेगा। बीआरए बिहार विवि के प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार एक हफ्ते बाद रिजल्ट निकाला जाएगा।
विवि में परीक्षा और रिजल्ट को समय से जारी करने में विवि प्रशासन पूरी तरह असफल है। इस कारण पीजी के पांच हजार से अधिक छात्रों का भविष्य अधर में है। सत्र-2018-20 में नामांकन लेने के बाद अबतक उन्हें डिग्री मिल जानी चाहिए थी, पर उनके पास अबतक सिर्फ प्रथम सेमेस्टर का अंकपत्र ही है।
फरवरी-मार्च में द्वितीय और तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा ली गई। इसके पीछे भी विवि ने एक शर्त रखी कि द्वितीय सेमेस्टर में उत्तीर्ण होने वाले का ही तृतीय सत्र का परिणाम जारी होगा। इसमें भी विवि की लेटलतीफी और गलती का खामियाजा कुछ छात्रों को भुगतना पड़ सकता है। छात्र-छात्राओं में विवि की इस प्रकार की कार्यशैली के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है।
कारण कि पिछले वर्ष भी ये छात्र-छात्राएं पीएचडी एडमिशन टेस्ट में शामिल नहीं हो सके और अब इस वर्ष भी परीक्षा में विलंब के कारण उनकी दावेदारी नहीं हो सकी। आक्रोशित छात्र-छात्राओं ने कहा कि अब वे न्यायालय की शरण में जाएंगे। रणवीर कुमार, निकिता समेत अन्य छात्र-छात्राओं ने कहा कि छात्रों के भविष्य को लेकर किसी को चिंता नहीं है। दो वर्ष का पीजी कोर्स चार वर्ष में पूरा हो जाए तो बिहार विवि के लिए उपलब्धि होगी।
उधर, विवि में स्नातक के अलग-अलग पार्ट समेत आधा दर्जन से अधिक परीक्षाएं लबित हैं। परीक्षा नियत्रंक डा. संजय कुमार ने बताया कि स्नातक सत्र 2019-22 के पार्ट-वन की ऑब्जेक्टिव आधार पर परीक्षा ली जा सकती है। स्नातक सत्र 2020-23 के पार्ट-वन व सत्र 2019-22 के पार्ट-टू की परीक्षा ली जा सकती है।
अभी सरकार की ओर से ही परीक्षा पर रोक है। तैयारी पूरी कर ली गई है। आदेश आते ही शिड्यूल जारी किया जाएगा। कोरोना के कारण कापियों का वितरण नहीं हो सका था। तीन विषयों को छोड़कर अन्य कापियों की जांच पूरी कर ली गई है। एक हफ्ते बाद स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर का रिजल्ट जारी करने को लेकर प्रयास किया जा रहा है। इसके बाद तृतीय सेमेस्टर का भी शीघ्र जारी कर दिया जाएगा।
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